'सस्ते' का मतलब भूल चुकी हैं एयरलाइंस, वसूल रही हैं ज्यादा किराया
देश में सस्ती एयरलाइन होने का दावा करने वाली कई एयरलाइनें अब इस तमगे की हकदार नहीं हैं। इंडिगो, गोएयर, स्पाइसजेट और जेट कनेक्ट जैसी बजट एयरलाइनें कई रूटों पर फुल सर्विस एयरलाइनों से भी ज्यादा किराया वसूल रही हैं। विमानन नियामक डीजीसीए के एक अध्ययन के मुताबिक अगस्त में कुछ रूटों पर सस्ती एयरलाइनों ने यात्रिय
नई दिल्ली। देश में सस्ती एयरलाइन होने का दावा करने वाली कई एयरलाइनें अब इस तमगे की हकदार नहीं हैं। इंडिगो, गोएयर, स्पाइसजेट और जेट कनेक्ट जैसी बजट एयरलाइनें कई रूटों पर फुल सर्विस एयरलाइनों से भी ज्यादा किराया वसूल रही हैं। विमानन नियामक डीजीसीए के एक अध्ययन के मुताबिक अगस्त में कुछ रूटों पर सस्ती एयरलाइनों ने यात्रियों से फुल सर्विस एयरलाइनों की तुलना में 10 से 50 फीसद तक ज्यादा किराया वसूला है।
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उद्योग में अगस्त का महीना मंदी का समय माना जाता है। घरेलू विमानन क्षेत्र में एयर इंडिया और जेट एयरवेज को ही फुल सर्विस एयरलाइंस का दर्जा हासिल है। डीजीसीए ने इस अध्ययन के लिए सभी एयरलाइनों से कुछ चुनिंदा रूटों पर अगस्त में अपने अधिकतम और न्यूनतम किरायों की जानकारी मांगी थी।
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सस्ती एयरलाइनें यात्रियों को उड़ान में मुफ्त खाना और मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करातीं। जबकि फुल सर्विस एयरलाइंस यह सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। सस्ती एयरलाइंस ने अगस्त में दिल्ली-गोवा, दिल्ली-विशाखापट्टनम, मुंबई-भुज, दिल्ली-भुवनेश्वर, पोर्ट ब्लेयर-चेन्नई, जबलपुर-दिल्ली और विशाखापट्टनम-मुंबई रूटों पर एयर इंडिया और जेट एयरवेज से ज्यादा किराया वसूला।
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दिल्ली-गोवा उड़ान के लिए स्पाइसजेट ने 10,006 रुपये और इंडिगो ने 11,534 रुपये वसूल किए। जबकि एयर इंडिया ने केवल 7,847 रुपये का किराया लिया। इसी तरह, उदयपुर-दिल्ली रूट पर सस्ती एयरलाइनों ने एयर इंडिया से 100 फीसद ज्यादा किराया वसूला। एयर इंडिया ने इस यात्र के लिए 4,282 रुपये का किराया लिया, जबकि जेट कनेक्ट ने 8,698 रुपये और स्पाइसजेट ने 5,280 रुपये वसूल किए।