Move to Jagran APP

तेज विकास के लिए नीतिगत बदलावों पर होगा सरकार का जोर

विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को फोकस में रखते हुए निवेश बढ़ाने के लिए नीतिगत बदलावों पर जोर दे सकती है। इस आशय की घोषणाओं का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में भी कर सकते हैं। परियोजनाओं की मंजूरी मिलने के समय को कम करने से लेकर निवेश लाने की रफ्तार बढ़ाने के

By Edited By: Published: Wed, 09 Jul 2014 06:33 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jul 2014 06:33 PM (IST)
तेज विकास के लिए नीतिगत बदलावों पर होगा सरकार का जोर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को फोकस में रखते हुए निवेश बढ़ाने के लिए नीतिगत बदलावों पर जोर दे सकती है। इस आशय की घोषणाओं का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में भी कर सकते हैं। परियोजनाओं की मंजूरी मिलने के समय को कम करने से लेकर निवेश लाने की रफ्तार बढ़ाने के उपाय बजट में आ सकते हैं।

loksabha election banner

संसद में प्रस्तुत साल 2013-14 के आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वो मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश वापस लाने के लिए कई पहल कर सकती है। सर्वे में देश में निवेश का माहौल तैयार करने की तत्काल जरूरत बताई गई है। सरकार ने सर्वे में स्वीकार किया है कि विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए जरूरी है कि अगले दो तीन साल में उत्पादकता बढ़ाने को ढांचागत सुधारों पर जोर दिया जाए।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पहले आर्थिक सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश का माहौल वापस तैयार करने की आवश्यकता बताई गई है। सर्वे मानता है कि साल 2008 की मंदी के बाद से देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश में गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ वो बीते साल तक नहीं रुका। हालांकि बढ़ी हुई महंगाई ने भी इसमें अहम भूमिका निभायी। सरकार मानती है कि अब तेज विकास दर पाने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग में निवेश वापस लाना होगा। मैन्यूफैक्चरिंग का असर न केवल घरेलू औद्योगिक उत्पादन पर होगा बल्कि इसकी रफ्तार बढ़ने से निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। निवेश के साथ साथ सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कर नीतियों को सरल बनाने, प्रशासनिक जटिलताओं को कम करने, पुराने कानूनों को समाप्त करने और विवाद निपटाने की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत बताई गई है।

सर्वे का मानना है कि विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए राजकोषीय संतुलन बनाने की आवश्यकता है। लेकिन इसके लिए सरकार को पूंजीगत खर्च में कटौती करने से सर्वे आगाह करता है। इसके अलावा सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए देश में 16 राष्ट्रीय निवेश व मैन्यूफैक्चरिंग जोन स्थापित करेगी। इनकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इन क्षेत्रों में इकाई लगाने पर सरकार विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगी।

विकास के लिए जरूरी कदम

-निवेश का माहौल बने

-उत्पादकता बढ़ाने को ढांचागत सुधारों की जरूरत

-मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार बढ़ाने को निवेश के साथ साथ नीतिगत बदलाव हों

-पूंजीगत व्यय से समझौता किए बिना राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण जरूरी

-कच्चे तेल की मजबूत होती कीमतों व गैर तेल आयात बढ़ने की स्थिति में चालू खाते के घाटे को काबू में रखना होगा

-महंगाई में कमी लाने के प्रयास करते रहने होंगे

-गैर कृषि क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि आवश्यक

-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का निर्माण

-तेज विकास के लिए कृषि क्षेत्र में निवेश, उत्पादकता बढ़ाने पर जोर

पढ़ें: वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे, वित्तीय घाटा कम करने पर जोर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.