सहायक बैंकों के स्टेट बैंक में विलय के खिलाफ हैं कांग्रेस और वामपंथी दल
कांग्रेस और वामपंथी सदस्यों ने पांच सहायक बैंकों के स्टेट बैंक में विलय के फैसले पर विरोध जताया है। इन पार्टियों का कहना है कि यह देश हित में नहीं है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस और वामपंथी सदस्यों ने पांच सहायक बैंकों के स्टेट बैंक में विलय के सरकार के निर्णय पर विरोध जताया। इन सांसदों का कहना था कि यह निर्णय देश की अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है। यह मामला शून्य काल में माकपा के केके रागेश ने उठाया। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का स्टेट बैंक में विलय केरल को गंभीरता से प्रभावित करेगा।
राज्य में 60 प्रतिशत शिक्षा ऋण यही बैंक देता है। सरकार के इस फैसले से कई बैंक शाखाएं बंद होंगी और लोग बेरोजगार होंगे। कांग्रेस के एके एंटनी, जयराम रमेश और माकपा के तपन कुमार सेन ने सरकार से विलय के निर्णय को वापस लेने की मांग की। उल्लेखनीय है कि इस विलय के विरोध में बैंक कर्मचारी संगठनों ने 29 जुलाई को हड़ताल का एलान कर रखा है।