GST बिल सदन में पेश, डिस्काउंट वाली सभी वस्तुएं हो सकती है महंगी
जीएसटी बिल को अर्थशास्त्री आजादी के बाद का सबसे बड़ा सुधार मान रहे हैं। जीएसटी से उम्मीद की जा रही है कि इसके लागू होने के बाद कर व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया है। उन्होंने कहा कि राज्यों की वित्त मंत्रियों की कमेटी ने अपने सुझाव दिए और सिलेक्ट कमेटी के कुछ सुझावों को भी बिल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से बड़ा बदलाव आएगा और भारत एक समान मार्केट में बदल जाएगा। जेटली ने कहा कि जीएसटी पर ज्यादातर राजनैतिक दलों में आम सहमति है।
जीएसटी काउंसिल में दो तिहाई पावर राज्य के पास होगी: जेटली
बिल को सदन में पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी बिल अबतक का सबसे बेहतर कर सुधार है। उन्होंने ये भी कहा कि जीएसटी बिल के लिए बड़े स्तर पर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश की गई और इसके लिए वो सभी विपक्षी पार्टियों और विशेष रूप से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का शुक्रिया अदा करते हैं।
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यों ने विवाद समाधान के लिए एक संस्था की मांग की थी, जिसके लिए जीएसटी काउंसिल बनाई गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में राज्यों की पावर केंद्र से ज्यादा होगी। वोटिंग के लिए राज्य के पास दो तिहाई जबकि एक तिहाई अधिकार केंद्र के पास होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी से राज्यों को विकास होगा और राज्यों के साथ साथ केंद्र की भी आय बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी भारत को एक समान आर्थिक बाजार के तौर पर दुनिया के सामने पेश करेगा।
मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड बिल, डिस्काउंट वाली चीजें हो सकती है महंगी: जेटली
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद डिस्काउंट वाली चीजें महंगी हो सकती है क्योंकि जीएसटी एमआरपी पर लगेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड बिल महंगे हो सकते हैं।
कांग्रेस ने कभी नहीं किया जीएसटी का विरोध : चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि यूपीए के समय पहली बार जीएसटी बिल लाया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2014 में उन्होंने बिल को पास कराने के लिए विपक्ष को मनाने की बहुत कोशिश की । उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाने की अनुमति बिल से वापस ले ली है जिसका वो स्वागत करते हैं।
18 फीसदी से ज्यादा ना हो जीएसटी की दर: चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि अगर वित्त मंत्री जेटली बिल को अच्छी तरह से देखें तो वे पायेंगे कि इसमें ढीली-ढाली ड्राफ्टिंग है। उन्होंने कहा कि जो प्रावधान पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रखे वे सबसे बेहतर थे। चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी बिल की आत्मा यही है कि उसमें टैक्स की दर क्या रहेगी। उन्होंने कहा कि हर वित्त मंत्री राजस्व को बढ़ाने के दबाव में रहता है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अप्रत्यक्ष कर अमीर और गरीब, दोनों को प्रभावित करते हैं। ऊंची आय वाले देशों में अदा किए जाने वाले अप्रत्यक्ष टैक्स का औसत 16.4 फीसदी है, जबकि भारत जैसे विकासशील देशों में यह 14.1 फीसदी है। प्रत्यक्ष कर का कलेक्शन हमेशा अप्रत्यक्ष कर के कलेक्शन से अधिक होना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वो अपनी पार्टी की तरफ से मांग करतें हैं कि जीएसटी की उच्चतम दर 18 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी जाहिए।
सदन की स्वीकृति के बिना ना बढ़ाई जाए टैक्स की दर: चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा कि वो वित्त मंत्री से भरोसा चाहते हैं कि जीएसटी बिल को मनी बिल की बजाय फाइनेंस बिल के तौर पर पेश किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि जीएसटी बिल में ये भी प्रावधान होना चाहिए कि इसकी दर को सदन की सहमति के बिना नहीं बढ़ाया जाएगा और इस बिल में टैक्स की एक उच्चतम सीमा भी तय की जाए।
जीएसटी से अर्थव्यवस्था में होगा बड़ा बदलाव
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य तक वस्तुओं और सेवाओं का आयात निर्यात बहुत ही सरल हो जाएगा। जीएसटी बिल को अर्थशास्त्री आजादी के बाद का सबसे बड़ा सुधार मान रहे हैं। जीएसटी से उम्मीद की जा रही है कि इसके लागू होने के बाद कर व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी और इससे लाल फीताशाही भी कम होगी।
जैसा कि आप जानते हैं कि देश के एक राज्य में बना सामान जब दूसरे राज्य तक पहुंचता है तो उसपर उस राज्य के कई टैक्स लग जाते हैं। लेकिन जीएसटी से ये व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उद्योगों को लाभ पहुंचेगा जिससे निवेशकों के बीच भी अच्छा संकेत जाएगा। जीएसटी बिल टैक्स चोरी को भी कम करेगा क्योंकि एक समान टैक्स की व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी।