Move to Jagran APP

बैंक के साथ धोखाधड़ी है समाज से अपराध

बैंकिंग गतिविधियों में किसी भी तरह की धोखाधड़ी सिर्फ बैंक पर असर नहीं डालती, बल्कि इससे उसके ग्राहकों और समाज पर बुरा असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में अदालतें किसी तरह की कोताही न बरतें। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि इस तरह के अपराध मे

By Edited By: Published: Mon, 14 Oct 2013 09:58 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली। बैंकिंग गतिविधियों में किसी भी तरह की धोखाधड़ी सिर्फ बैंक पर असर नहीं डालती, बल्कि इससे उसके ग्राहकों और समाज पर बुरा असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में अदालतें किसी तरह की कोताही न बरतें। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि इस तरह के अपराध में आचरण की भ्रष्टता हावी रहती है। ऐसे मामलों के आरोपियों को सिर्फ धन का भुगतान कर देने पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

loksabha election banner

पीठ ने कहा कि जब धारा-420 (धोखाधड़ी) और 471 (फर्जी दस्तावेज पेश करना) के तहत बैंकिंग गतिविधियों से जुड़ा अपराध किया जाता है, तो लोगों पर उसका बुरा असर पड़ने के साथ ही समाज के लिए खतरा पैदा हो जाता है। इस तरह के अपराध सरकारी कर्मचारियों के आचरण से जुड़े भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं। शीर्ष अदालत ने एक कर्मचारी और एक बाहरी व्यक्ति द्वारा बैंक को धन का भुगतान करने के बाद राहत देते हुए दोनों के खिलाफ आपराधिक मामला रद करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने सत्र न्यायालय को कानून के तहत कार्यवाही का आदेश दिया है।

मामले में एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से 1.5 करोड़ रुपये कर्ज लिया। इसके बाद बैंक के वरिष्ठ अधिकारी और कर्ज लेने वाली कंपनी के निदेशक सहित अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला चलाया गया। मुकदमा लंबित होने के दौरान आरोपियों ने बैंक को कर्ज का भुगतान कर दिया। इसके बाद उन्होंने मामला खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए मामला खारिज कर दिया। इसके बाद सीबीआइ ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.