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    मंत्री ने दिया संकेत, भारत में अब विदेशी कंपनियां खोलेंगी पेट्रोल पंप

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2016 10:07 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा कि सऊदी अमारको, टोटाल जैसी बहुराष्ट्रीय तेल मार्केटिंग कंपनियां भारत में पेट्रोल पंप खोलने को तैयार हैं। ...और पढ़ें

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी कंपनियों को अब इस बात का ऐतबार हो गया है कि भारत में तेल कीमतों को तय करने में सरकार फिर से हस्तक्षेप नहीं करेगी। यही वजह है कि सऊदी अमारको, टोटाल जैसी बहुराष्ट्रीय तेल मार्केटिंग कंपनियां भारत में पेट्रोल पंप खोलने को तैयार हैं। भारत ने वर्ष 2002 में ही विदेशी कंपनियों को पेट्रो उत्पादों की खुदरा मार्केटिंग में उतरने की इजाजत दी थी लेकिन अभी तक किसी भी विदेशी कंपनी ने इस तरह का प्रस्ताव नहीं भेजा है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि अमारको और टोटाल भारत में खुदरा तेल कारोबार करना चाहती हैं।

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    सरकार के दो वर्षो के काम काज का ब्यौरा देने के लिए बुलाये गये प्रेस कांफ्रेंस में प्रधान ने बताया कि, 'भारत सिर्फ सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था नहीं बना है बल्कि यहां पेट्रोल व डीजल की खपत भी सबसे तेजी से बढ़ रही है। चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने से इन उत्पादों की खपत भी कम हो रही है जबकि भारत में इन इंधनों की खपत दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से हो रही है। यही वजह है कि अब सऊदी अमारको और टोटाल यहां आना चाहती है। सरकार उन्हें हरसंभव मदद करेगी।' लेकिन इन दोनों कंपनियों के आने से सरकारी क्षेत्र की कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के लिए मुकाबला बढ़ जाएगा। वैसे ग्राहकों के लिए यह अच्छा रहेगा क्योंकि विदेशी कंपनियां बेहतर सेवा व गुणवत्ता वाले उत्पाद देंगी।

    सनद रहे कि सरकार की तरफ से पेट्रोल व डीजल की कीमत को बाजार आधारित करने के बावजूद अभी तक निजी क्षेत्र यहां खुदरा तेल कारोबार में खास पहचान नहीं बना सकी है। वर्ष 2002 में सरकार की तरफ से रिलायंस, शेल, एमआरपीएल और एनआरएल को लगभग 6,000 पेट्रोल पंप खोलने की इजाजत दी थी। कुछ कंपनियों ने तेजी से पेट्रोल पंप खोले भी थे। लेकिन सरकारी कंपनियों की तरफ से सब्सिडी पर पेट्रोल व डीजल बेचने की वजह से निजी कंपनियां मुकाबला नहीं कर पाये। अंतत: सभी को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी।

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    पेट्रोल व डीजल की कीमत पूरी तरह से बाजार आधारित की जा चुकी है लेकिन अभी भी रिलायंस पेट्रोलियम अपने पुराने सभी पेट्रोल पंपों को नहीं खोल पाई है। अभी दुनिया के अधिकांश हिस्सों में पेट्रो उत्पादों की खपत तेजी से कम हो रही है। सिर्फ भारत में ही इसकी खपत बढ़ रही है। ऐसे में अमारको जैसी कंपनियों को यहां बड़ा बाजार दिख रहा है। ब्रिटिश तेल कंपनी शेल भी यहां नए सिरे से पेट्रोल पंप खोलने की योजना बना रही है।

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