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    नोटबंदी का असर: शेयर बाजार में गिरावट जारी, ये हैं पांच बड़े कारण

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Wed, 11 Jan 2017 04:11 PM (IST)

    तीन दिन बंद होने के बाद मंगलवार को शेयर बाजार की शुरूआत भारी गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स 450 अंक तक टूट गया वहीं निफ्टी में 150 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली

    नई दिल्ली। तीन दिन बंद होने के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरूआत भारी गिरावट के साथ हुई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 450 अंक तक टूट गया वहीं निफ्टी में 150 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। इससे पहले शुक्रवार के सत्र में भी सेंसेक्स 698 अंक टूटकर बंद हुआ था। बाजार में आज आई गिरावट में मिडैकप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 3.5 से 4.25 फीसदी तक टूट गए। सरकारी बैंकों को छोड़ सभी इंडेक्स आज लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरावट ऑटो और रियल्टी सेक्टर में देखने को मिल रही है। दोनों ही इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूट गए। एक्सपर्ट, बाजार में आई गिरावट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोर संकेत और घेरलू स्तर पर नोटबंदी के असर को मान रहे हैं।

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    बाजार में आई गिरावट के बड़े कारण

    1. कालेधन और भष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार की ओर से बड़े नोट पर रोक लगाने के बाद अर्थव्यवस्था में नकदी का संकट देखने को मिल रहा है। इसकी वजह से रियल्टी, एनबीएफसी और कंस्जम्शन पर आधारित सेक्टर्स के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। मुथूट फाइनेंस, जुबलियंट फूडवर्क, एशियन पेंट्स, डीएलएफ, टाटा मोटर्स जैसे शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि लंबी अवधि में निश्चित तौर पर यह फैसला अर्थव्यवस्थ के लिए फायदेमंद होगा लेकिन छोटी अवधि में इसके कारण बाजार पर दवाब दिखेगा।

    2. नोटबंदी की खबर के बाद से लगातार भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से बिकवाली देखने को मिल रही है। इसकी वजह से सरकार के फैसले के बाद से अब तक निफ्टी 4.5 फीसदी से ज्यादा टूट गया8 नवंबर की रात को सरकार ने यह फैसला लिया। 9 नवंबर को विदेशी निवेशकों की ओर से 2095 करोड़ की, 10 नवंबर को 733.49 करोड़ की और 11 नवंबर को 1493.27 करोड़ की बिकवाली देखने को मिली। ऐसे में आने वाले दिनों में अगर विदेशी निवेशक बाजार में बिकवाली जारी रखते हैं तो बाजार में गिरावट और गहरा सकती है।

    3. अमरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अमेरिकी बॉण्ड की यील्ड में उछाल देखने को मिला, जिसकी वजह से अमेरिकी डॉलर में उछाल आया और दुनियाभर की करंसी टूट गई। डॉलर के मुकाबले आज रुपया 40 पैसे तक टूटकर 67.65 के स्तर तक आ गया। यह 30 जून 2016 के बाद से अब तक का सबसे निचला स्तर है। ऐसे में अगर आने वाले सत्रों में रुपए की कमजोरी बढ़ती है तो बाजार में गिरावट और गहारा सकती है।

    4. डोनाल्ड ट्रंप की ज्यादातर नीतियों को एक्सपर्ट महंगाई बढ़ाने वाला बता रहे हैं। ऐसे में दिसंबर में फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने की शुरूआत कर सकता है। यह भारत समेत तमाम उभरते हुए बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत है। बाजार में इस कारण भी मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।

    5. चार्ट्स पर बाजार की चाल आकने वाले टेक्नीकल एनालिस्ट यह मान रहे हैं कि बीते एक हफ्ते में बाजार में आई गिरावट में प्रमुख सूचकांक और दिग्गज शेयरों में कई अहम सपोर्ट लेवल को तोड़ा है। फिलहाल निफ्टी के लिहाज 8000 का स्तर बेहद अहम माना जा रहा है अगर बाजार की बिकवाली में निफ्टी 8000 का स्तर तोड़ता है तो बाजार में गिरावट का खतरा और गहरा सकता है। फिलहाल करीब 11.30 बजे निफ्टी 138 अंकों की गिरावट के साथ 8157 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

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