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पीएफ पर मिलेगा 8.5 फीसद ब्याज!

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन [ईपीएफओ] चालू वित्त वर्ष 2013-14 के लिए भी भविष्य निधि [पीएफ] के ब्याज को पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर बरकरार रख सकता है। वित्त वर्ष 2012-13 में ईपीएफओ ने पांच करोड़ से ज्यादा अंशदाताओं को पीएफ पर

By Edited By: Published: Sun, 23 Jun 2013 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन [ईपीएफओ] चालू वित्त वर्ष 2013-14 के लिए भी भविष्य निधि [पीएफ] के ब्याज को पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर बरकरार रख सकता है। वित्त वर्ष 2012-13 में ईपीएफओ ने पांच करोड़ से ज्यादा अंशदाताओं को पीएफ पर 8.5 फीसद ब्याज दिया था। इस बारे में जल्द ही केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड [सीबीटी] फैसला कर सकता है। सीबीटी फैसला लेने वाली ईपीएफओ की शीर्ष इकाई है।

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सूत्रों के मुताबिक ईपीएफओ जल्द ही इस प्रस्ताव को अपनी सलाहकार इकाई वित्त और निवेश समिति [एफआइसी] और फैसला लेने वाली इकाई सीबीटी के समक्ष मंजूरी के लिए रखेगा। इन दोनों की अनुमति के बाद इसे वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी प्रतिभूतियों से मिलने वाले रिटर्न में कमी को देखते हुए ही ब्याज दर को पूर्व स्तर पर बरकरार रखने का फैसला हो सकता है। वर्ष 2008 से लागू निवेश के नए नियमों के तहत ईपीएफओ अपने फंड का 55 फीसद हिस्सा राज्यों और केंद्र के प्रतिभूतियों में करता है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय भविष्य निधि के नए कमिश्नर केके जलान के अगले महीने पद संभालने के बाद सीबीटी की बैठक हो सकती है। इस बोर्ड के पदेन मुखिया केंद्रीय श्रम मंत्री होते हैं। इसमें कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधि भी सदस्य होते हैं।


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