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आया दिलचस्प मोड़! माल्या की कंपनी पर कब्जे को भिड़े दीपक व जुआरी

मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल) के लिए बाजार नियामक सेबी ने दोनों प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं की पेशकश को हरी झंडी दे दी है। इससे यूबी ग्रुप की एमसीएफएल पर कब्जे के लिए दीपक फर्टिलाइजर्स व जुआरी फर्टिलाइजर्स समूहों के बीच जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। एमसीएफएल की अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए दीपक ने इ

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 12:16 PM (IST)
आया दिलचस्प मोड़! माल्या की कंपनी पर कब्जे को भिड़े दीपक व जुआरी

मुंबई। मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल) के लिए बाजार नियामक सेबी ने दोनों प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं की पेशकश को हरी झंडी दे दी है। इससे यूबी ग्रुप की एमसीएफएल पर कब्जे के लिए दीपक फर्टिलाइजर्स व जुआरी फर्टिलाइजर्स समूहों के बीच जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। एमसीएफएल की अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए दीपक ने इस साल आठ मई और जुआरी ने 27 मई को मसौदा पेशकश दस्तावेज सेबी के पास दाखिल किए थे। खास बात यह है कि ये दोनों कंपनियां पहले से ही उर्वरक कारोबार में एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धी हैं।

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इन दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद अपना अंतिम निष्कर्ष 15 जुलाई को जारी किया। सेबी की ओर से इस निष्कर्ष के जारी करने के बाद ही किसी लिस्टेड कंपनी में अतिरिक्त हिस्सेदारी की खरीद के लिए खुली पेशकश आगे बढ़ाई जा सकती है। इससे पहले नियामक ने एमसीएफएल के अधिग्रहण की कोशिश में लगी दीपक और जुआरी के मचर्ेंट बैंकरों से दोनों की प्रस्तावित खुली पेशकश (ओपन ऑफर) को लेकर कई स्पष्टीकरण मांगे थे।

एमसीएफएल का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए लड़ाई की शुरुआत तब हुई जब सरोज पोद्दार के जुआरी ग्रुप ने बीते साल अप्रैल में खुले बाजार से कंपनी में 10 फीसद हिस्सेदारी खरीद ली। भारी कर्ज बोझ तले दबी विजय माल्या की इस कंपनी के लिए दीपक फर्टिलाइजर्स भी इस जंग में कूद पड़ी। दीपक ने एमसीएफल की 24.46 फीसद हिस्सेदारी जुलाई, 2013 में खरीद डाली। तुरंत बाद जुआरी ने एमसीएफएल में अपना हिस्सा बढ़ाकर 16.43 फीसद कर लिया।

अपनी कंपनी पर जबरन कब्जे की आशंका देख माल्या के यूबी समूह ने जुआरी से हाथ मिला लिया। यूबी की अपनी कंपनी में फिलहाल करीब 22 फीसद हिस्सेदारी है, मगर उसने आधे से ज्यादा शेयर गिरवी रखे हुए हैं। उसके समर्थन में जुआरी की ओर से प्रतिद्वंद्वी दीपक के ओपन ऑफर के खिलाफ नौ फीसद ऊंचे दाम पर 26 फीसद शेयर खरीदने की खुली पेशकश की गई। इसके लिए 211.22 करोड़ रुपये रखे गए। दीपक ने एमसीएफएल में अपनी हिस्सेदारी 25.31 फीसद तक बढ़ाने के बाद 26 फीसद अतिरिक्त शेयरों की खरीद के लिए ओपन ऑफर कर रखा था।

पहले थी मालाबार केमिकल्स

मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स यानी एमसीएफएल 3,700 करोड़ रुपये की कंपनी है। उद्योगपति विजय माल्या का यूबी समूह इसका मौजूदा प्रमोटर है। कंपनी को दुग्गल एंटरप्राइजेस ने मालाबार केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के नाम से 1966 में नई दिल्ली में पंजीकृत कराया था। साल 1969 की शुरुआत में दुग्गल ने प्रमोटर के तौर पर हाथ खींच लिए तो कंपनी की कमान मैसूर सरकार के हाथ में आ गई।

फिर अस्तित्व में आया मौजूदा नाम

इस कंपनी का मौजूदा नाम 1971 में अस्तित्व में आया। अक्टूबर, 1972 में मैसूर के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवराज उर्स ने एमसीएफएल के प्लांट का शिलान्यास किया था। इस कंपनी ने साल 1974 से उत्पादन शुरू किया। वर्ष 1990 में कर्नाटक सरकार ने बीमार पड़ रही इस कंपनी का प्रबंधन यूबी समूह के हवाले कर दिया। यह कंपनी उर्वरकों और रसायनों का उत्पादन करती है।

एमसीएफएल में हिस्सेदारी

दीपक फर्टिलाइजर्स , 25.31

यूबी समूह , 21.98

जुआरी ग्रुप , 16.43

(आंकड़े फीसद में)

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