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ओपेक की बैठक से पहले गिरे क्रूड के दाम, सप्लाई ज्यादा

पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेके की प्रोडक्शन पॉलिसी पर होने वाली बैठक से पहले गुरूवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई। फिलहाल कू्रड की सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो रही है।

By Murari sharanEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2015 06:01 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2015 06:04 PM (IST)

लंदन। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेके की प्रोडक्शन पॉलिसी पर होने वाली बैठक से पहले गुरूवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई। फिलहाल कू्रड की सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो रही है।

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ओपेक की शुक्रवार को बैठक होने वाली है। अनुमान है कि संगठन उत्पादन स्तर रोजाना3 करोड़ बैरल के स्तर पर रख सकता है। ओपेक फिलहाल रोजाना जरूरत से 20 लाख बैरल कच्चा तेल बाजार में भेज रहा है।

बेंट्र क्रूड का जुलाई सौदा 55 सेंट गिरकर 63.25 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है। अमेरिकी कू्रड फ्यूचर्स भी 45 सेंट गिरकर 59.19 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।

लंदन की ब्रोकरेज फर्म पीवीएम ऑयल एसोसिएट्स के एनालिस्ट तमस वर्गा के मुताबिक ओपेक के उत्पादन का असर तेल की कीमतों पर दिख रहा है। फंडामेंटल्स (बुनियादी बातें) को देखते हुए इसमें आगे और उतार-चढ़ाव की पूरी गारंटी है।

एनर्जी एडवाइजर वुड मैकेंजी के मुताबिक ओपेक तेल उत्पादन में कटौती नहीं करेगा। कू्रड का उत्पादन 2016 की लिमिट 3 करोड़ बैरल से ऊपर ही रहने वाला है। मेकेंजी के मुताबिक इस साल ब्रेंट की औसत कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल और 2016 में 70 डॉलर प्रति बैरल तक रह सकते हैं।

आईएचएस एनर्जी के मुताबिक ओपेक की मार्केट शेयर बचाने की रणनीति के चलते कीमतों को सपोर्ट करने के बजाय प्रोडक्शन ज्यादा ही रहेगा। कू्रड की मांग बढ़ने के कारण ज्यादा सप्लाई होने के बावजूद कीमतों को सपोर्ट मिला है। चीन में मंदी के बावजूद हर माह 20 लाख कारों की बिक्री होती है। यूरोप से भी कू्रड की अच्छी मांग निकल रही है।


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