चीन ने फिर घटाई युआन की वैल्यू, पांच साल के निचले स्तर पर
23 दिसंबर 2010 के बाद सबसे निचले स्तर पर आई चीनी करेंसी।
बीजिंग। ब्रेक्जिट के बाद चीन ने सोमवार को अपनी मुद्रा युआन की वैल्यू 1 फीसदी घटा दी है। इसके बाद एक डॉलर के मुकाबले युआन की कीमत साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। यह युआन में अगस्त के बाद से सबसे बड़ा अवमूल्यन है।
पीपूल्स बैंक ऑफ चाइना ने युआन की कीमत ग्रीनबैक के मुकाबले 6.6375 पर तय की। पिछले साल जून के बाद यह 0.91 फीसदी की कमजोरी है। चीन की मुद्रा में यह बड़ी गिरावट है। 23 दिसंबर 2010 के बाद युआन सबसे निचले स्तर पर आ गई है। चीन अपनी मुद्रा को पूरी तरह नियंत्रित रखता है। चीन युआन में हर दिन 2 फीसदी से ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आने देता।
हांगकांग में ग्रेटर चीन के सीनियर इकोनॉमिस्ट आइरिस पेंग के मुताबिक युआन में कमजोरी जारी रहेगी। चीन पर लंबे समय में ब्रेक्जिट का कितना असर पड़ेगा, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है। युआन में दूसरी मुद्राओं के मुकाबले धीरे धीरे कमजोरी आएगी।
ब्रेक्जि का असर
डॉलर में 24 जून को ब्रेक्जिट के बाद मजबूती आई। जिससे उसके मुकाबले पूरी दुनिया की मुद्राएं कमजोर हो गईं। बैंक ऑफ चाइना ने उस समय कहा था कि चीन के पास ब्रिटेन के जनमत पर आपातकालीन योजना है। साथ ही युआन रेट सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा।जानकारों के मुताबिक आगे और उतार-चढ़ाव आ सकता है। चीन के प्रीमियर ली किक्यांग ने सोमवार को कहा कि वोट का असर पूरी दुनिया के वित्तीय बाजारों पर नजर आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
पाउंड 31 साल के निचले स्तर पर
ब्रेक्जिट पर फैसल के बाद पैदा हुई आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाउंड लगभग 31 साल के निचले स्तर पर आ गया। ग्रीनविच मानक समय के मुताबिक सोमवार को 9ः55 बजे (भारतीय समय के अनुसार शाम के 3.25 बजे) पाउंड स्टर्लिंग की विनियम दर घटकर 1.3222 डॉलर रह गई। यह सितंबर, 1985 के बाद की न्यूनमतम दर है।रुपए में मामूली मजबूती
डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर सोमवार को 4 पैसे बढ़ गई। इस तरह एक यूएस डॉलर 67.93 रुपए का रह गया। पाउंड स्टर्लिंग भी कमजोर हुआ और इसकी वैल्यू घटकर 89.76 रुपए रह गई। असल में ब्रेक्जिट का पूरी दुनिया पर जितना असर हुआ, उसके मुकाबले भारत इससे कम प्रभावित हुआ है।स्वामी को पीएम मोदी की नसीहत, कहा- पार्टी से बड़ा नहीं कोई नेता