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कहीं आपका टॉयलेट इस दिशा में तो नहीं?

हर एक का सपना होता है कि अपना एक घर हो, मगर एक छोटी सी गलती से कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ जाता है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Thu, 22 Dec 2016 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jan 2017 11:57 AM (IST)
कहीं आपका टॉयलेट इस दिशा में तो नहीं?

आधुनिकता के इस दौर में भी वास्तु शास्त्र की अहमियत बरकरार है। खास तौर से घर निर्माण के समय इसका बेहद ध्यान रखा जाता है। आखिरकार घर की सुख-समृद्धि और शांति का सवाल जो होता है। ऐसे में व्यक्ति घर के हर एक हिस्से को वास्तु के हिसाब से बनाने की कोशिश करता है। फिर चाहे वो टॉयलेट या बाथरूम ही क्यों ना हो और अगर इसमें कोई वास्तु दोष है तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि इसके भी कई उपाय मौजूद हैं। आइए इनसे आपको रूबरू कराते हैं-

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-सबसे पहले दिशा ज्ञान होना जरूरी है। किसी भी घर में टॉयलेट ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी बना सकते हैं। घर के उत्तर-पूर्व कोने को ईशान कोण कहते हैं। यहां शौचालय बनाने से स्वास्थ संबंधी परेशानियां और आर्थिक कष्ट होने की आशंका बनी रहती है।

-वहीं उत्तर या पूर्व दिशा को बाथरूम बनाने के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। वैसे जरूरत पड़ने पर बाकी दिशाओं में भी बनाए जा सकते हैं, लेकिन नल और शावर उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

-बाथरूम में एक बड़ी खिड़की और एग्जॉस्ट फैन के लिए अलग से रोशनदान होना चाहिए। बाथरूम में तेल, साबुन, शैम्पू, ब्रश आदि रखने के लिए आलमारी बाथरूम की दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनवानी चाहिए।

-बाथरूम में गहरे रंग की टाइल्स लगाने से बचें। हमेशा हल्के रंग की टाइल्स का ही इस्तेमाल करें।

-गीजर आदि विद्युत उपकरण अग्नि से संबंधित हैं, इसलिए इन्हें बाथरूम के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में लगाना चाहिए।

-नीला रंग खुशहाली और शुभता का प्रतीक माना जाता है वास्तु के अनुसार बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना शुभ माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि बाथरूम में रखी बाल्टी हमेशा साफ पानी से भरी रहे। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

-यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे हमेशा बंद रखना चाहिए। बाथरूम के दरवाजे पर पर्दा लगा सकते हैं। बेडरूम और बाथरूम की ऊर्जा का परस्पर आदान-प्रदान हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।

-घर में बेवजह पानी खर्च करने से कई वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं। इसलिए अगर कोई नल लगातार टपक रहा है तो इस पर गंभीरता से ध्यान दें और तुरंत ठीक कराएं।

-पानी की टंकियों की मरम्मत के साथ नियमित रूप से इसकी साफ-सफाई करवाएं। ऐसा करने पर घर और परिवार के सदस्यों की आर्थिक परेशानियां अपने आप दूर हो जाएंगी।

-इस बात का विशेष यान रखें कि बाथरूम का शीशा दरवाजे के ठीक सामने न हो। दरअसल, जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है। ऐसे समय पर अगर दरवाजे के ठीक सामने शीशा होगा तो उससे टकराकर नकारात्मक ऊर्जा पुन: घर में आ जाएगी।

-यह भी ध्यान रखें कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में कुछ दूरी अवश्य हो। बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच दूरी बनाने के लिए थोड़ी ऊंची दहलीज बनाई जा सकती है। जब बाथरूम का दरवाजा बंद रहेगा, तब दहलीज के कारण दरवाजे के नीचे से भी नकारात्मक ऊर्जा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाएगी।

-अगर आप अपने बाथरूम में एक कटोरी में साबूत नमक रखेंगे तो आपके घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। कटोरी में रखा नमक महीने में एक बार बदल लेना चाहिए। यह आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर लेता है और वातावरण को सकारात्मक बनाता है।

-दो-तीन दिन में कम से कम एक बार पूरा बाथरूम अच्छी तरह साफ करना चाहिए। बाथरूम अगर एकदम साफ रहेगा तो इसका शुभ असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा। साफ-सफाई वाले घरों में देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है।


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