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तराशें टैलेंट

अगर आपको अपने टैलेंट के बारे में अच्छी तरह पता है और आप उसे लगातार निखारने में लगे रहते हैं, तो तय मानिए जॉब मार्केट में आपकी वैल्यू न सिर्फ हमेशा हाई रहेगी बल्कि वर्तमान कंपनी भी हर कीमत पर आपको अपने साथ बनाए रखना चाहेगी। कैसे तराशें अपना टैलेंट, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव.. प्रखर वर्मा एक बड़ी टेलीकम्युनिकेशन क

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 10:15 PM (IST)
तराशें टैलेंट

अगर आपको अपने टैलेंट के बारे में अच्छी तरह पता है और आप उसे लगातार निखारने में लगे रहते हैं, तो तय मानिए जॉब मार्केट में आपकी वैल्यू न सिर्फ हमेशा हाई रहेगी बल्कि वर्तमान कंपनी भी हर कीमत पर आपको अपने साथ बनाए रखना चाहेगी। कैसे तराशें अपना टैलेंट, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव..

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प्रखर वर्मा एक बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी के मार्केटिंग डिवीजन में सीनियर सेल्स मैनेजर हैं। उन्होंने एमबीए करने के बाद पांच साल पहले इसी कंपनी से जूनियर एग्जीक्यूटिव पद से नौकरी की शुरुआत की थी। अपनी काबिलियत, स्मार्टनेस, सक्रियता, टीम स्पिरिट और कम्युनिकेशन स्किल की बदौलत उन्हें चार प्रमोशन मिले। उनका रिकॉर्ड रहा है कि वे हमेशा दिए गए टार्गेट से डेढ़ गुना ज्यादा अचीव करके कंपनी को देते रहे हैं। अपनी इस यूएसपी की बदौलत वे अधिकारियों और कंपनी के चहेते रहे हैं। हालांकि हाल में कई बड़ी कंपनियों द्वारा उन्हें डेढ़ से दो गुनी सैलरी ऑफर होने की भनक लगते ही उनकी वर्तमान कंपनी सचेत हो गई। वह प्रखर को किसी भी कीमत पर अपने से अलग नहीं होने देना चाहती। यही कारण है कि हाल में उसने उन्हें पद और पैसे में बढ़ोत्तरी करने के अलावा ई-सॉप्स यानी 'एम्प्लॉयी स्टॉक ओनरशिप प्लान' देकर उनके साथ अपने संबंध और मजबूत बना लिए हैं।

शून्य से शिखर तक

हालांकि प्रखर को यह सब इतनी आसानी से नहीं मिला है। उन्होंने जब कंपनी ज्वाइन की थी, उस समय उन्हें किताबी ज्ञान के सिवा प्रैक्टिकल नॉलेज के नाम पर कुछ नहीं आता था। क्लाइंट से बात करते समय उन्हें पसीने छूटते थे। कनविंसिंग स्किल में कमजोर होने के कारण इमीडिएट बॉस और कलीग तक से उन्हें शर्मिदा होना पड़ता था। इससे अक्सर उनकी आत्मा खुद को धिक्कारती थी, फिर भी निराश-हताश होने के बजाय उन्होंने खुद को संभाला। उन्होंने मन ही मन ठान लिया था कि उन्हें जल्द ही अपनी कमजोरियों पर जीत हासिल कर नई पहचान बनानी है। यह समय उनके लिए टर्निग प्वाइंट रहा। अगले कुछ महीनों में उन्होंने खुद को इतना बदल लिया कि कंपनी और उससे बाहर हर कोई हैरान रह गया।

इंट्रेस्ट को समझें

पहचान पाने और तरक्की की सीढि़यां लगातार चढ़ते जाने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने इंट्रेस्ट वाले क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाने की अनवरत कोशिश करें। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि तमाम लोग यह समझ ही नहीं पाते कि वास्तव में उनका इंट्रेस्ट किस दिशा में है। कभी उन्हें एक्टिंग भाती है तो कभी पेंटिंग और कभी स्पो्‌र्ट्स। हद तो यह है कि अक्सर दूसरों को मेडिकल, इंजीनियरिंग या आइएएस की तैयारी करते देख वे खुद भी उसी राह पर चल पड़ते हैं, बिना सोचे-समझे कि वह उनके मन का क्षेत्र है या नहीं। कई बार यह सोचकर भी लोग अपने इंट्रेस्ट वाले क्षेत्र से उल्टी धारा में बहने लगते हैं कि पता नहीं उसमें कुछ बन पाएंगे या नहीं। दुविधा की यह स्थिति अगले कुछ सालों में उनकी लय पूरी तरह बिगाड़ देती है। फिर जैसे-तैसे जिंदगी की गाड़ी खींचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

बनाएं पहचान

अगर आप अपने इंट्रेस्ट को बखूबी समझते हुए उसी दिशा में अपना टैलेंट तराशने की कोशिश करेंगे, तो आप एक न एक दिन जरूर कामयाब और कॉन्फिडेंट होंगे। आज के समय में किसी भी फील्ड को कम करके नहीं आंका जा सकता। ऐसे में जो भी आपका इंट्रेस्ट एरिया हो, उसमें पूरी तरह डूबें। उसमें अव्वल दर्जे की महारत हासिल करने की कोशिश करके ही आप अपनी पहचान बना सकते हैं।

कमजोरियों से तौबा

कोई भी व्यक्ति शुरुआत से ही परफेक्ट नहीं होता। वह गलतियों से सीखता और खुद को सुधारता है। सामने आने वाली कमजोरियों पर नजर रखते हुए समय रहते उन्हें दूर कर लेता है। लेकिन जो खुद को औरों से ज्यादा ज्ञानवान और होशियार समझता है, अपनी कमजोरियों को नजरअंदाज करता है, वह अपने ही विकास में रोड़े अटका देता है।

वैल्यू बढ़ाएं

फील्ड चाहे कोई भी हो, हर किसी में इंप्रूवमेंट की गुंजाइश हमेशा होती है। अगर आपका फील्ड टेक्निकल है, तो इसमें समय के साथ अपडेट रहने की और ज्यादा जरूरत होती है। सीखना कभी भी बेकार नहीं जाता। अपने काम में खुद को परफेक्ट बनाकर दूसरों की नजर में आप भी अपनी वैल्यू बढ़ा सकते हैं।

मल्टीटास्कर की पूछ

जिस फील्डट में आपका स्पेशलाइजेशन है, उसमें तो आप आगे बढ़कर अपनी क्षमता दिखाएं ही। इसके अलावा, मल्टीटास्कर बनने की दिशा में भी कदम बढ़ाएं। कई बार ऐसा होता है कि ऑफिस में अचानक कोई काम आ जाने पर उसका एक्सपर्ट नहीं मिलता। ऐसे में संकटमोचक का काम मल्टीटास्कर ही करता है। आज वह समय नहीं रहा, जब एक ही काम करते हुए पूरी जिंदगी बिता दी जाती थी। आज एम्प्लॉयी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने फील्ड से संबंधित हर तरह के काम निपुणता के साथ कर सकता है।

टीम वर्क और एटीट्यूड

आज के समय में कामयाबी की एक शर्त टीम वर्क के रूप में काम करने की काबिलियत भी है। अगर आप अपनी टीम के साथ तालमेल बनाकर रखते हैं, तो इससे आप हर तरह के असाइनमेंट को अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन इसके लिए टीम मेंबर के साथ आपको सहयोगी रुख बनाये रखना होगा। पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ आप माहौल को खुशनुमा बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इससे आउटपुट और बेहतर होगा।

* जॉब मार्केट में अपनी वैल्यू बढ़ाना चाहते हैं, तो अपने स्पेशलाइजेशन को लगातार अपडेट करते रहें।

* समय-समय पर अपनी कमजोरियों की तलाश कर उन्हें दूर करने का प्रयास करें।

* खुद को संपूर्ण ज्ञानी समझने की बजाय सीखने की ललक बनाए रखें।

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