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    पिछली भारत सरकारों से निराशा मिली: नाइला कादरी बलूच

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Wed, 02 Nov 2016 05:30 AM (IST)

    बलूच नेता नाइला कादरी बलूच ने प्रधानमंत्री मोदी के बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन देने के लिए आभार देती हूं।

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    मुंबई, प्रेट्र। एक प्रमुख बलूच नेता ने बलूचिस्तान के आंदोलन को नैतिक समर्थन देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से आजादी के लिए संघर्षरत बलूच नेताओं को भारत की पिछली सरकारों ने हमेशा निराश ही किया था।
    वर्ल्ड बलूच फोरम की अध्यक्ष नाइला कादरी बलूच ने प्रधानमंत्री मोदी के 15 अगस्त के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि हम पिछली भारत सरकारों से बहुत निराश थे। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन देने के लिए आभार देती हूं।

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    मुंबई प्रेस क्लब से बातचीत के दौरान नाइला ने कहा कि आजादी के लिए हम सशस्त्र समेत सभी तरह से संघर्ष कर रहे हैं। कादरी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान बलूचों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। वह बलूच महिलाओं का अपहरण और बच्चों की हत्या कर रहा है। खासकर बलूचिस्तान में चीन के प्रवेश के बाद से अत्याचार बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में विकास योजनाओं के लिए आधारभूत ढांचे की परियोजनाओं पर काम करने के लिए चीन को अनौपचारिक रूप से पाकिस्तान ने इस इलाके में दखल का अधिकार दे दिया है।

    बलूच पाकिस्तानी नहीं हैं
    कादरी ने कहा कि हम लोग पाकिस्तानी नहीं हैं। यह हम जानते हैं। आखिर संयुक्त राष्ट्र तब कहां था, जब पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर कब्जा किया था। पाकिस्तान यह दावा नहीं कर सकता कि बलूचिस्तान में विद्रोह उसका आंतरिक मामला है। कादरी ने यह भी आरोप लगाया कि आतंकवाद के पोषण के लिए पाकिस्तान को विदेश से रकम मिल रही है।

    भारत में दस लाख बलूच : कादरी
    कादरी का कहना है कि भारत में करीब सात से दस लाख बलूच रहते हैं। पिछले 500 सालों से बलूच भारत में रहते आए हैं। बलूचिस्तान का मुद्दा मानवाधिकार का नहीं, बल्कि आजादी का मुद्दा है।

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