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    छोटा राजन ने दाऊद का आदमी समझ कराई जेडे की हत्या

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Sat, 13 Aug 2016 06:53 AM (IST)

    मिड डे के पत्रकार जे.डे की हत्या के मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र दायर कर दिया है।

    मुंबई। मिड डे के पत्रकार जे.डे की हत्या के मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। इसमें उसने बताया है कि मामले के मुख्य आरोपी गैंगस्टर छोटा राजन ने वरिष्ठ पत्रकार की हत्या इसलिए करवाई क्योंकि उसे लगता था कि वरिष्ठ पत्रकार उसके दुश्मन दाऊद इब्राहिम और आइएसआइ के लिए काम कर रहे हैं।

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    सीबीआइ के मुताबिक छोटा राजन ने फोन पर किसी मनोज को बताया था कि पत्रकार जिग्ना वोरा (सह आरोपी) बार-बार उसे यही बताती थी कि डे गलत बातें लिख रहा है और वह दूसरे गैंग के संपर्क में है और गद्दार है।

    छोटा राजन की टेलीफोन की इस बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट को सीबीआइ ने चार्जशीट में हिस्सा बनाया है।

    सीबीआइ ने पिछले ही हफ्ते यह आरोपपत्र अदालत में दायर किया है। वहीं डे की पत्नी ने सीबीआइ को बताया कि हत्या से एक महीने पहले वह बेहद दुखी थे। तब उन्होंने कहा था कि वह मरने वाले हैं, लेकिन बीमारी की वजह से नहीं। डे की मां ने बताया कि मौत के 15 दिन पहले उन्होंने बताया था कि वह फिलिपींस जा रहे हैं।

    उनकी मौत से कुछ दिन पहले आरोपी विनोद चेम्बूर (अब मृत) ने डे के बारे में पूछताछ के लिए फोन किया था। मौत से 15 दिन पहले ही उन्होंने अभिनेता अजय देवगन के साथ एक फिल्म की पटकथा लिखने का भी करार किया था।

    आरोप पत्र के मुताबिक हत्या के बाद छोटा राजन ने फोन पर एक पत्रकार से कहा था कि वह डे की हत्या करवाकर पछता रहा है। उसने कहा था कि एक न्यूज रिपोर्टर को हद में रहना चाहिए। अगर उसकी लेखन में झूठ है तो वह बड़ी मुसीबत बुला रहा है।

    उल्लेखनीय है कि राजन के कहने पर ही डे की हत्या मुंबई के उपनगरीय इलाके पवई में 11 जून, 2011 को कर दी गई थी।

    जेडे की पहचान के लिए बुलाया था बार

    मिड डे, मुंबई। मिड डे के क्राइम रिपोर्टर जे.डे ने तभी खतरा भांप लिया था जब अंडरवर्ल्ड डान छोटा राजन के गुर्गे विनोद असरानी ने उन्हें चेंबूर स्थित उमा पैलेस बार में 7 जून, 2011 को बुलाया था। असरानी ने ही कुछ दूरी पर खड़े शार्प शूटरों को डे की पहचान कराई थी।

    इस मुलाकात के चार दिन बाद ही 11 जून को इन्हीं शूटरों ने जेडे की हत्या कर दी थी। शूटर सतीश कालिया और उसके साथी अनिल वाघमोद, अभिजीत शिंदे, नीलेश शिंडगे, अरुण ढाके, महेश अगवाने और सचिन गायकवाड़ ने जेडे का पीछा किया था। जब डे पोवई गार्डन्स के नजदीक पहुंचा तब कालिया ने उस पर गोलियां चला दीं और भाग गया।