मोटापे से बच्चों को बचाती है नींद
बच्चों में रात को जल्दी सोने की आदत विकसित करके उन्हें बढ़ते वजन के खतरे से बचाया जा सकता है।
आधुनिक जीवनशैली की गलत आदतों की वजह से आजकल बच्चे भी तेजी से मोटापे के शिकार हो रहे हैं। फिलाडेल्फिया स्थित टेंपल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बच्चों में बढ़ते मोटापे को नियंत्रित करने के लिए आसान सा तरीका सुझाया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार बच्चों में रात को जल्दी सोने की आदत विकसित करके उन्हें बढ़ते वजन के खतरे से बचाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कई बच्चों के खानपान, शारीरिक सक्रियता व सोने-जागने की आदतों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब बच्चों को सोने के लिए ज्यादा समय मिला तो उनके कैलोरी इनटेक में काफी कमी आई। इससे उनके वजन में करीब आधा पौंड की गिरावट दर्ज की गई। इसके मुकाबले कम सोने के दौरान उनके कैलोरी सेवन में बढ़ोत्तरी देखी गई, क्योंकि बच्चों को जंक फूड, आइसक्रीम, चाकलेट और कोल्ड ड्रिंक जैसी नुकसानदेह चीजों से ज्यादा लगाव होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार हमारे शरीर में मौजूद लेप्टिन हार्मोन भूख बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। भरपूर नींद लेने से इस हार्मोन की सक्रियता काफी कम हो जाती है, नतीजतन व्यक्ति को ज्यादा भूख नहीं लगती और वह कम कैलोरी का सेवन करता है। विशेषज्ञों के अनुसार वयस्कों को जहां सात से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं बच्चों के लिए कम से कम दस घंटे की नींद जरूरी है। प्रमुख शोधकर्ता डॉ. चैटेल के अनुसार बच्चों में ज्यादा सोने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देकर हम उन्हें मोटापे की गिरफ्त में आने से रोक सकते हैं।
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