बचपन को बनाएं खुशहाल
बच्चों के तनाव को हलके में न लें क्योंकि उनके मस्तिष्क पर इसका स्थायी प्रभाव पड़ता है। वॉशिंगटन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कान्सिन-मैडिसन के शोधकर्ताओं के एक दल ने यह पाया कि उपेक्षा और शारीरिक उत्पीडऩ से पैदा होने वाले तनाव का बच्चे पर नकारात्मक और स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
बच्चों के तनाव को हलके में न लें क्योंकि उनके मस्तिष्क पर इसका स्थायी प्रभाव पड़ता है। वॉशिंगटन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कान्सिन-मैडिसन के शोधकर्ताओं के एक दल ने यह पाया कि उपेक्षा और शारीरिक उत्पीडऩ से पैदा होने वाले तनाव का बच्चे पर नकारात्मक और स्थायी प्रभाव पड़ सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसे अनुभवों से बच्चे के मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है। इससे उनकी याद रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे बच्चों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संतुलन का भी अभाव देखने को मिलता है। युवा होने के बाद उनकी सेहत, करियर और दांपत्य जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव नजर आता है। इस अध्ययन में 128 बच्चों को शामिल किया गया था, जिनकी उम्र 12 वर्ष थी और कई वजहों से उनका बचपन तनावग्रस्त था। अत:बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शोधकर्ताओं ने उनके बचपन को ख़्ाुशहाल बनाने की सलाह दी है।

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