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    हिंदी सीखने भारत आ रहे हैं परदेसी

    भारत के एक सुपर पावर के रूप में विकसित होने से अब दुनिया भर की नजर यहां के विशाल बाजार, कारोबार और नौकरियों पर है। इसके साथ ही भारत में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा हिंदी का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। रूस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों में पहले भी शौकिया तौ

    By Edited By: Updated: Fri, 12 Sep 2014 11:31 AM (IST)
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    भारत के एक सुपर पावर के रूप में विकसित होने से अब दुनिया भर की नजर यहां के विशाल बाजार, कारोबार और नौकरियों पर है। इसके साथ ही भारत में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा हिंदी का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। रूस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों में पहले भी शौकिया तौर पर हिंदी पढ़ी जाती रही है, लेकिन अब रोजगार की संभावनाओं की वजह से दुनिया के विभिन्न देशों के युवा हिंदी सीखने के लिए भारत आ रहे हैं। भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत की वजह से खासकर चीन और जापान जैसे बड़े देशों के स्टूडेंट करियर संभावनाओं को बेहतर करने के लिए हिंदी सीखना चाह रहे हैं। हाल ही में जापान के कुछ स्टूडेंट अपनी हिंदी सुधारने के लिए नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के बाद वहां हिंदी को लेकर रुचि और बढ़ी है। जापानी बच्चों ने हिंदी में सांस्कृतिक कार्यक्रम कर मोदी का स्वागत किया था। जापान में हिंदी सिखाने के लिए कई तरह के कोर्स चलाए जा रहे हैं। चीन के युवाओं में भी हिंदी पढ़ने की रुचि बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्तों की वजह से अनुवादक, एंटरप्रेटर, टीचर आदि कई तरह के करियर के लिए हिंदी सीखने को तवज्जो दिया जा रहा है। हाल में चीन के करीब एक दर्जन स्टूडेंट हिंदी सीखने के लिए गुजरात के अहमदाबाद शहर में आए थे। चीनी स्कूलों, कॉलेजों में भी हिंदी सीखने के प्रति रुचि बढ़ रही है। कई चीनी युवा भारत में कारोबार करने के लिए भी हिंदी सीखना जरूरी समझ रहे हैं।

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