क्या आप जानते हैं आपका बेबी सोते वक्त गहरी सांसें क्यों लेता है
बच्चे सोते समय गहरी सांसें लेते हैं क्या आपने कभी सोचा है वे ऐसा क्यों करते हैं।
बच्चों का सोते समय गहरी सांसें लेना कॉमन सी बात है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है ये सोते समय गहरी सांसे क्यों लेते हैं। पुरानी मान्यतायें हैं कि दुखी होने पर ही कोई गहरी सांस लेता है। तो क्या आपका बेबी भी सैडनेस के कारण तो ऐसा नहीं कर रहा है। विज्ञान की मानें तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, उनका ऐसा करना उनके सैडनेस को नहीं बल्कि उनके हेल्दी स्लीपिंग हैबिट की ओर संकेत करता है।
बच्चे सोते समय गहरी और लंबी सांसे लेते हैं लेकिन इससे बिल्कुल भी परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि इसका मतलब है कि बच्चे की ये एक्टिविटी बॉडी को रेग्युलेट करती है और अपना केयर करती है। ये लक्षण उनके स्वस्थ और चैन की नींद को दर्शाता है।
इसके पीछे के साइंटिफिक कारण को जानें तो बच्चे जब ऐसा करते हैं तो उनके फेफड़े खुल जाते हैं जिसके कारण वो खुल कर ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। छोटे बच्चों के लंग्स अपने विकास की प्रक्रिया में होते हैं जिस वजह से उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और वे जोर से गहरी सांसे लेते हैं।
उनकी ये हैबिट सांस लेने की प्रक्रिया को रेग्युलेट करती है। जिससे वे किसी भी गतिविधियों पर रिस्पॉंड कर पाते हैं। ये ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को भी रेगुलेट करती है, जो आगे की लाइफ के लिए उन्हें हर्ट डिजीज से भी रोकती है। इससे बॉडी की मसल्स और ग्रंथियां भी कंट्रोल होते हैं।
न्युबॉर्न बेबी में ये आदत थोड़े बड़े बच्चों की अपेक्षा ज्यादा होती है। इसे अच्छी तरह समझने के लिए आपने ध्यान दिया होगा कि बच्चे सोते समय कभी कभी पॉज लेते हैं जो इस बात की ओर संकेत करता है कि नॉर्मल ब्रीदींग में उन्हें सांस लेने में कभी कभी परेशानी होती है।
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