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    जिद से जीत

    By Edited By:
    Updated: Wed, 30 Oct 2013 12:00 AM (IST)

    अगर आपमें तमाम तरह के प्रेशर्स के बीच खुद को पुश करने की क्वॉलिटी है, तो आप बड़े से बड़ा टारगेट अचीव कर सकते हैं। वास्तव में यह एक ड्राइविंग फोर्स का काम करता है, जो बड़ा से बड़ा प्रेशर हैंडल करने में हेल्प करता है। सायना नेहवाल कुछ ऐसा ही सोचती हैं। आइए जानते हैं, सायना से उनकी सक्सेस के कुछ खास सीक्रेट्स के बारे में..

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    खुद को स्ट्रॉन्ग रखें

    मैंने हमेशा खुद को स्ट्रांग रखने की कोशिश की है। ओलंपिक मेडल जीतना है, तो जीतना है। इस जिद को बरकरार रखना आसान नहीं था। सभी की लाइफ में कभी न कभी ऐसे क्षण आते हैं, जब हम नर्वस होने लगते हैं, मनोबल टूटने लगता है, लेकिन अगर हम मेंटली टफ हैं, तो ऐसी स्थिति पर आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं।

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    क्वॉलिटी ऑफ एफर्ट

    मैं हर टूर्नामेंट में अपना 100 परसेंट परफॉर्म करती हूं। मुझे मालूम है जितनी मेहनत करूंगी, सक्सेस उतनी ही पास होगी। सक्सेस के लिए हॉर्डवर्क के साथ ही वर्क की क्वॉलिटी भी बहुत जरूरी है। अगर हम अपने आप को इसी फॉर्मूले में ढाल लेते हैं, तो सभी काम अच्छे होते चले जाते हैं। कॉन्फिडेंस आ जाता है। नई टेक्निकल ट्रिक्स पता चलती हैं, जो सक्सेस की राह और भी ईजी बना देती हैं।

    पुश योरसेल्फ

    मुझसे लोग क्वैश्चन करते हैं कि आपने बैडमिंटन को क्यों चुना, जबकि देश में बैडमिंटन बहुत कम लोग खेलते हैं? मैं यही आंसर देती हूं कि इस खेल में मैं नंबर वन बने रहना चाहती हूं। दरअसल, यदि आपमें तमाम तरह के प्रेशर्स के बीच खुद को पुश करने की क्वॉलिटी है, तो आप बडे से बडा टारगेट अचीव कर सकते हैं। वास्तव में यह एक ड्राइविंग फोर्स का काम करता है, जो बडा से बडा प्रेशर हैंडल करने में हेल्प करता है।

    रेस्पेक्ट योर सीनियर्स

    आप कहां सही हैं, कहां गलत, यदि ये बताने वाले न रहें, तो सोचिए हम क्या अचीव कर पाएंगे? हम जानते हैं कि सक्सेस की राह आसान बनाते हैं हमारे कोच, मेंटर या सीनियर्स। यदि वे हम पर भरोसा करते हैं, तो उनकी रेस्पेक्ट करनी चाहिए। हम उनसे बहुत कुछ लर्न करते हैं और हमें भी उनकी मदद से ही हमें विक्ट्री मिलती है। आप अपने सीनियर्स की रेस्पेक्ट करते हैं, इसका मतलब आप उनकी क्वॉलिटीज और उनके काम के मेथड को अपनाना चाहते हैं। आप इसके लिए खुद को तैयार करना चाहते हैं!

    मैनेजमेंट ऑफ डिस्टर्बेस

    प्रॉब्लम्स हर किसी की लाइफ में आती ही हैं। पर कम ही लोग ऐसे होते हैं, जो इनसे आसानी से निपट लेते हैं। ऐसा करना भी एक बहुत बडी क्वॉलिटी है। इस तरह के लोगों को डिस्टर्बेस मैनेज करना आता है। यह बहुत डिफिकल्ट भी नहीं है। बस फोकस रहना है। छोटे डाइवर्जन से बच कर चलना है। अपनी प्रॉयरिटीज को भूलना नहीं है।

    इंटरैक्शन : सीमा झा