FIRST SALARY खर्च करें संभल कर
अगर फर्स्ट जॉब की फर्स्ट सैलरी का वेट कर रहे हैं और हाथों में खुजली हो रही है, तो थोड़ा संभलिए। आपका मिस-मैनेजमेंट आपकी सैलरी हवा में उड़ा सकता है। फर्स्ट जॉब की फर्स्ट सैलरी से ही अगर सेविंग के गुर सीख लेंगे, तो लाइफ ईजी हो जाएगी..

सोचिए, कितने अरमानों के बाद आपको नौकरी मिली है और उसके बाद पहली सैलरी मिलने की खुशी तो बयान ही नहीं की जा सकती। कॉलेज की पढाई के बाद कुछ लोगों को महीनों और कुछ को तो कई साल बैठे रहना पडता है। ऐसे लोगों को कई बार लोग बेकार समझते हैं और दया की दृष्टि से देखते हैं। कई साल से पढाई पर होने वाले भारी खर्च की वजह से आपको अपने ऊपर खर्च करने के लिए कुछ खास नहीं मिलता था और हाथ अक्सर तंग रहता था। ऐसे में पहली नौकरी और पहला वेतन। वाह..सैलरी मिलने का दिन नजदीक आते ही आप उसे खर्च करने की योजनाएं बनाना शुरू कर देते हैं। लेकिन जरा ठहरें, आपके मिस मैनेजमेंट की वजह से आपकी सैलरी हवा हो सकती है। अपनी पहली नौकरी की पहली सैलरी से ही बचत के कुछ गुर सीख लें, तो आगे आपकी जिंदगी काफी बेहतर हो सकती है।
राइट स्ट्रैटेजी की जरूरत
पहली सैलरी को लोग कई तरीके से खर्च करते हैं। कुछ इसे ले जाकर पैरेंट्स के चरणों में डाल देते हैं, तो कुछ मंदिर में चढा आते हैं, तो कुछ पूरी सैलरी शॉपिंग में खर्च कर देते हैं। असल में ज्यादातर लोग पहली सैलरी का खर्च सोची-समझी योजना से नहीं बल्कि भावनाओं के आधार पर करते हैं। मुश्किल तो यह है कि कई लोग अति उत्साह में महीने के पहले हफ्ते में ही पूरी सैलरी खर्च कर डालते हैं और इसके बाद खर्च चलाने के लिए उन्हें इधर-उधर हाथ फैलाना पडता है। इसलिए जो लोग पहली बार जॉब करने जा रहे हैं, उन्हें हमारी यही सलाह है कि सैलरी को खर्च करने से पहले एक अच्छी-सी योजना बना लें।
मेक योर बजट
आपको नौकरी करने के एक माह बाद वेतन मिलता है, इसलिए महीने के अंत तक यह अंदाजा हो जाता है कि किस मद में कितना खर्च होना है। इस बात का अंदाजा लगाएं कि खाने-पीने, कनवेंस, रूम रेंट, मोबाइल रीचार्ज आदि जैसे बडे मदों पर कितना खर्च होता है। इसी तरह एंटरटेनमेंट, लोन चुकाने, कपडों, किताबों आदि की शॉपिंग के खर्च का भी आपको अंदाजा हो जाएगा। महीने का एक बजट तैयार करें और सैलरी मिलते ही सबसे पहले बडे मदों के लिए एक हिस्सा निकालकर अलग रख लें। आप यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि सैलरी पूरे महीने चल।
ईएमआई और इंश्योरेंस
पहली सैलरी मिलते ही एक जीवन बीमा पॉलिसी और एक हेल्थ पॉलिसी लेने की कोशिश करें। कम उम्र में पॉलिसी कम प्रीमियम पर मिल जाती है, इसलिए जल्दी बीमा कवर लेना बेहतर रहता है। जीवन बीमा कवर के लिए टर्म पॉलिसी लेना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा मान लीजिए कि आपका पहले से कोई लोन चल रहा है और आप नियमित रूप से उसका भुगतान करना चाहते हैं, तो उसकी ईएमआई, ईसीएस सुविधा से चुकाने के लिए अपने सेलरी एकाउंट से उसे लिंक करा लें। इसके तहत हर महीने आप द्वारा तय तिथि पर पैसा अपने आप कटता रहेगा।
टैक्स सेविंग और निवेश
पहली सैलरी के साथ ही आपको आगे के लिए बचत या निवेश और टैक्स सेविंग की भी प्लानिंग कर लेनी चाहिए। निवेश के लिए बेहतर यह होता है कि एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाया जाए, जिसके तहत बचत का कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में, कुछ गोल्ड में, कुछ प्रॉपर्टी में और कुछ डेट साधनों में लगाना चाहिए। जो युवा हैं, उनमें जोखिम लेने की क्षमता ज्यादा होती है, इसलिए उनके पोर्टफोलियो का ज्यादा हिस्सा शेयरों में निवेश के रूप में हो सकता है। लेकिन शेयर मार्केट में निवेश काफी जोखिम भरा होता है, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। अगर आप किसी म्यूचुअल फंड के ईएलएसएस या राजीव गांधी इक्विटी योजना में निवेश करते हैं तो इससे आपके टैक्स की भी बचत होगी।
लुक द प्वाइंट
-आप की आय निश्चित है तो अपने खर्चो को भी प्लान्ड तरीके से करें।
-आपकी सैलरी की सीमा है, इसलिए अपना पांव उतना ही फैलाइए जितनी लंबी चादर है।
-महीने के पहले हफ्ते में ही पूरी सैलरी खर्च न कर डालें, नहीं तो परेशानी हो सकती है।
(लेखक सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट हैं)
डी. चंद्रा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।