एडमिशन की रस्साकशी
एक वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूशन में जो फैसिलिटी होती हैं, वह सभी डीयू के नेक्स्ट सेशन में देखने को मिलेंगी। कोर्सेज को मार्केट की डिमांड के अनुरूप बना कर डीयू ने एजुकेशन सिस्टम में चेंज का जो बीड़ा उठाया है, वह काबिले तारीफ है। नए सेशन के लिए 5 जून से शुरू हो रहे एडमिशन प्रॉसेस में जो स्टूडेंट सक्सेस होंगे, वे डीयू में बदलाव की बयार के पहले गवाह होंगे। जानें क्या हैं ये बदलाव..

अपने बेहतरीन कोर्सेज और शानदार एकेडमिक माहौल के लिए मशहूर दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन की दौड शुरूहोने को है। 5 जून से शुरू होने जा रहे एडमिशन के इस महासमर से पहले स्टूडेंट्स अपने कल को लेकर ख्वाहिशमंद है और इसका इस्तेमाल अवसरों की नई जमीन तलाशने में करना चाहते हैं। हालांकि यह राह इतनी आसान नहीं है। करीब 54 हजार सीटों के लिए होने जा रही इस रेस में देश के सभी राज्यों के हसरतमंद युवा हिस्सा लेने जा रहे हैं। कुछ के अरमान दांव पर लगे हैं, तो कुछ महज खुद को आजमाने के लिए प्रवेश की लाइन में हैं।
क्या है यूएसपी
दरअसल, इस साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी कई मायने में बदलने जा रही है। यूएसपी यह है कि डीयू को वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए पहली बार चार वर्षीय जनरल डिग्री कोर्स स्कीम लॉन्च की गई है। इसके तहत डीयू के सभी डिग्री कोर्सेज की अवधि चार साल कर दी गई है। इसके अलावा, कम्बाइंड एप्टीट्यूड टेस्ट फॉर इंग्लिश, कॉमर्स सिलेबस में बदलाव, बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन जैसे नए डिग्री कोर्सो की शुरुआत बताती है कि देश में एकेडमिक एजुकेशन में डीयू ने रिवॉल्यूशन लाने की शुरुआत कर दी है।
मार्केट ओरिएंटेड सिलेबस
जुलाई 2013 से डीयू के सभी कॉलेजों के स्टूडेंट्स को 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स करने होंगे। इससे पहले स्टूडेंट्स के पास किसी एक विषय में ऑनर्स के जरिए स्पेशलाइजेशन या जनरल बीए, बीकॉम, बीएससी डिग्री करने का ऑप्शन होता था, लेकिन अब नए कोर्स में 11 मेंडेटरी फाउंडेशन कोर्स, चार एप्लाइड व दो रिसर्च पेपर शामिल किए गए हैं। इस बारे में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना का कहना है कि कोर्स को अब ज्यादा इंडस्ट्री इंटरैक्टिव बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है।
मौजूद हैं ऑप्शंस
ऐसा नहीं है कि इन बदलावों के बाद स्टूडेंट्स के पास 4 साल का कोर्स करने का ही ऑप्शन बचेगा, बल्कि अब उनके पास दो, तीन व चार साल का कोर्स करने का विकल्प भी होगा। दो वर्षीय कोर्स के बाद डिप्लोमा, 3 साल के कोर्स के बाद बैचलर डिग्री व 4 वर्षीय कोर्स के बाद ऑनर्स डिग्री मिलेगी। इस बारे में डीयू के वीसी प्रोफेसर दिनेश सिंह का कहना है कि नए स्ट्रक्चर से एजुकेशन वर्ल्ड में इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच की नई शुरुआत होगी।
6 साल का स्पैन पीरियड
बदलावों के तहत अब किसी चार साल की डिग्री को पास करने के लिए स्टूडेंट को 5 साल की बजाय अधिकतम 6 साल मिलेंगे। अब स्टूडेंट चाहे दो साल का डिप्लोमा कोर्स करे या फिर तीन वर्षीय जनरल डिग्री या फिर चार वर्षीय ऑनर्स, सभी के लिए स्पैन पीरियड 6 वर्ष ही होगा। यह समय रजिस्ट्रेशन के वक्त से जोडा जाएगा।
प्लेयर्स को मिलेगा फायदा
इस साल से खेल में अच्छा करने वालों के लिए डीयू ने बडा फैसला लिया है। बदली गाइडलाइंस में स्पोर्ट्स कोटे के लिए फिटनेस टेस्ट तो इस बार भी कंपलसरी होगा, लेकिन तीन गेम्स (शतरंज, तीरंदाजी व निशानेबाजी) में अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स को इससे छूट मिलेगी। अभी तक लॉन्ग रन, शॉर्ट रन, लॉन्ग जंप में क्वालिफाई होना अनिवार्य था। इसके अलावा, इस साल से एनसीसी, सिविल डिफेंस, एनएसए, स्पोर्ट्स, इंटर यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल, इंटर कॉलेज स्पोर्ट्स, डिबेट, सेमिनार, सोशल वर्क, प्रोजेक्ट जैसी एक्टिविटीज में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को अटेंडेंस में फायदा मिलेगा।
मैनेजमेंट स्टडी हुई रिफ्रेश
डीयू ने मैनेजमेंट स्टडी के कोर्सेज में नए सिरे से एडमिशन क्राइटेरिया तय किया है। अब से बैचलर विद ऑनर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज के कोर्स के लिए स्टूडेंट्स को 12वीं में मैथ लेने की बाध्यता नहीं होगी। मतलब अब हर स्ट्रीम के स्टूडेंट ये कोर्स कर सकेंगे। पिछले साल तक डीयू के तीन प्रोफेशनल कोर्स बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज, बैचलर ऑफ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट स्टडीज और बीए ऑनर्स बिजनेस इकोनॉमिक्स जैसे पेपर हुआ करते थे, इनकी जगह इस बार मैनेजमेंट स्टडीज का यह नया कोर्स इंट्रोड्यूस किया गया है। यह कोर्स भी 4 साल का होगा।
कैट का द एंड
डीयू में इस बार से कैट यानी कंबांइड एप्टीट्यूड टेस्ट फॉर इंग्लिश नहीं कराया जाएगा। इंग्लिश ऑनर्स में एडमिशन के लिए कैट कंपलसरी था। गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के 46 कॉलेजों में इंग्लिश ऑनर्स है। गत वर्ष 21 कॉलेजों में कैट व 12वीं की मेरिट के आधार पर इस कोर्स में एडमिशन हुए थे, लेकिन इस साल से सिर्फ 12वीं की मेरिट के आधार पर ही प्रवेश मिलेगा।?
कॉमर्स का नया सिलेबस
डीयू की फैकल्टी ऑफ कॉमर्स ने 4 साल के डिग्री प्रोग्राम को देखते हुए कॉमर्स के नए सिलेबस को मंजूरी दी है। इसके तहत अब आठ सेमेस्टर में बिजनेस लॉ, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स ऑफ मार्केटिंग, ई-बिजनेस एंड साइबर लॉ, कॉस्ट अकाउंटिंग, कॉरपोरेट गवर्नेस एंड सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, पर्सनल टैक्स प्लानिंग, सिक्योरिटी एनालिसिस एंड पोर्टफोलियो मैनेजमेंट आदि कई टॉपिक्स को री-डिजाइन किया गया है।
वर्चुअल क्लासेज
टेक्नोलॉजी के इस दौर में डीयू भी तेजी से हाईटेक होती जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जुलाई से शुरू हो रहे नए सेमेस्टर के लिए वर्चुअल क्लास के कॉन्सेप्ट को भी हरी झंडी दे दी है। इसके तहत डीयू के 30 कॉलेजों में आईसीटी बेस्ड (इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी), 10-12 नए वर्चुअल क्लास रूम स्थापित किए जाएंगे। यूनिवर्सिटी कैंपस नेटवर्क के जरिए स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स आपस में कनेक्ट रहकर इंटरैक्ट कर सकेंगे।
टॉप कॉलेजेज, टॉप कोर्सेस
1922 में महज 3 कॉलेज, 2 फैकल्टी व 750 स्टूडेंट्स के साथ शुरू हुई दिल्ली यूनिवर्सिटी टॉप यूनिवर्सिटीज में शुमार होती है। डीयू के टॉप कॉलेजेज और पॉपुलर कोर्सेज की एक झलक :
सेंट स्टीफेंस
स्टीफेंस कॉलेज आर्ट्स सब्जेक्ट्स के लिए देश केअव्वल कॉलेजों में से एक है।
श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
एसआरसीसी बी.कॉम (ऑनर्स), बी.ए. (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स, एम.कॉम, एम.ए. इकोनॉमिक्स, पीजी डिप्लोमा इन ग्लोबल बिजनेस अपॉच्र्युनिटिज जैसे र्कोसेज के लिए काफी लोकप्रिय हैं।
लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वूमन
शीर्ष आर्ट्स कॉलेजों में शुमार इस संस्थान की स्थापना 1956 में लाला श्रीराम ने की थी। इसके 16 कोर्स गर्ल्स के बीच काफी पॉपुलर है।
मिरांडा हाउस
प्रीमियर महिला कॉलेजों में मिरांडा हाउस एक बडा नाम है। लिबरल आर्ट्स व साइंस के क्षेत्र में अब तक एक से एक मशहूर महिला शख्सियतों को गढने वाले इस कॉलेज की स्थापना 1946 में हुई।
किरोडीमल कॉलेज
नॉर्थ कैंपस के इस कॉलेज को अपने कॉमर्स कोर्सेज के लिए जाना जाता है। वैसे साइंस और आर्ट्स अंडरगे्रजुएट्स के मामले में यह कुछ कम नहीं है।
रामजस कॉलेज
रामजस कॉलेज आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स तीनों ही स्ट्रीमों के बेस्ट कॉलेजों में है। यह कॉलेज विश्वविद्यालय का सबसे पुराना संस्थान है।
हंसराज कॉलेज
1948 में स्थापित हंसराज कॉलेज साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स विषयों में ग्रेजुएट, अंडरग्रेजुएट डिग्री ऑफर करता है।
हिंदू कॉलेज
1899 में स्थापित हिंदू कॉलेज साइंस, ह्यूमेनिटीज व कॉमर्स तीनों में ही यूजी और पीजी डिग्री ऑफर करता है।
गार्गी कॉलेज
कॉलेज गार्गी कॉलेज कॉमर्स, साइंस, एजूकेशन व ह्यूमेनिटीज में डिग्री ऑफर करता है।
दौलतराम कॉलेज
1960 में बना यह आर्ट्स, सांइस कॉमर्स में यूजी, पीजी डिग्री देता है।
शहीद भगत सिंह कॉलेज
1967 में स्थापित शहीद भगत सिंह कॉलेज को कॉमर्स कोर्सो के लिए जाना जाता है।
एक्सपर्ट्स कॉलम
इंडस्ट्री फ्रेंडली हुए डीयू के कोर्स : प्रो. जेएम खुराना
डीयू में हो रहे बदलावों के बारे में वहां के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जे.एम. खुराना से एक्सक्लूसिव बातचीत..
चार साल के कोर्स के पीछे क्या सोच है?
आज शिक्षा का दौर प्रतिस्पर्धी हुआ है। आज छात्र पढाई सिर्फ नॉलेज के लिए नहीं, बल्कि जॉब के लिए करते हैं। लिहाजा कोर्सो को ज्यादा जॉब ओरिएंटेड व इंडस्ट्री फ्रेंडली बनाने की कोशिश की गई है। नए प्रावधानों के तहत अब स्टूडेंट्स के पास रिसर्च, प्रैक्टिकल वर्क के लिए ज्यादा वक्त होगा। एप्लाइड पेपर्स में भी करने को बहुत कुछ होगा। जाहिर है ऐसे में स्टूडेंट्स अपने बेसिक फंडामेंटल सब्जेक्ट पढते हुए हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग भी हासिल कर सकेंगे।
क्या दूसरे बोर्ड से आने वाले छात्रों को भी कोई सुविधा दी जा रही है?
नहीं, ऐसा नहीं है। डीयू में देश भर के स्टूडेंट्स आते हैं। अलग-अलग बोर्ड, शैक्षिक परिवेश से आने वाले छात्रों को अलग से ट्रीट नहीं किया जा सकता। कॉमन स्टैंडर्ड के तहत ही प्रवेश दिए जाएंगे।
निर्भया कांड के बाद स्टूडेंट सेफ्टी के बारे में क्या प्रयास हो रहे हैं?
कैंपस के अंदर कई तरह के कदम उठाये गए हैं। पुलिस चौकसी और बढा दी गई है। इसके अलावा डीयू के गार्ड्स भी हरदम तैनात रहते हैं। कॉलेज लेवल पर भी बाहरी लोगों की एंट्री के नियम कडे किए गए हैं। सभी कॉलेजों में भी काउंसलिंग आदि के जरिए छात्राओं को सावधानी बरतने के निर्देश दिए जाते हैं। अनुशासन के मामले में हम सख्त हैं। ऐसी चीजें कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।
काउंसलिंग से दूर होंगी स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम : अलका शर्मा
दिल्ली यूनिवर्सिटी की खासियतों पर वहां की रजिस्ट्रार अलका शर्मा से खास बातचीत..
आखिर क्यों चुनें डीयू?
दिल्ली यूनिवर्सिटी देश के सबसे पुराने शैक्षिक संस्थानों में से एक है। इसको आगे बढाने में कई चीजें मसलन सेल्फ एक्सपोजर, शानदार एजुकेशन एटमॉसफियर, टैलेंटेड फैकल्टी के साथ हमारे स्टूडेंट्स भी जिम्मेदार हैं। इसके अलावा इसका दिल्ली में होना भी अपने आप में बडा फायदा है जहां के कॉस्मोपोलिटन एटमॉसफियर में सभी आसानी से ढल जाते हैं।
कितना बदला है डीयू?
आज के बदलते वक्त में डीयू ने भी खुद में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। रिसर्च पर फोकस, टेक्नोलॉजी फ्रेंडली वातावरण, स्टूडेंट टूर के जरिए मिलने वाला इंटरनेशनल एक्सपोजर, मैथमेटिक्स कॉम्पिटिशन आदि कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें हमारी नई कोशिशों में गिना जाना चाहिए।
एडमिशन के आने वाले दौर के लिए क्या तैयारियां हैं?
हमारी ओर से कोशिश है कि छात्रों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाए। ऑनलाइन एडमिशन प्रॉसेस, ओपेन डेज जैसे प्रयास कुछ इसी तरह की चीजें हैं। स्टूडेंट्स के सामने आने वाली समस्याओं को काउंसिलिंग के जरिए दूर किया जाता है।
डीयू के कुछ और नए कोर्स
स्टूडेंट्स के लिए डीयू में इस साल से दो नए कोर्स बैचलर इन बिजनेस स्टडीज और जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन भी प्रारंभ किए गए हैं :
बैचलर इन बिजनेस स्टडीज
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मैनेजमेंट स्टडी नाम से नया कोर्स शुरू किया है। पिछले साल तक डीयू मेंतीन प्रोफेशनल कोर्सेस बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज, बैचलर ऑफ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट स्टडीज व बीए ऑनर्स बिजनेस इकनॉमिक्स जैसे पेपर हुआ करते थे। इन्हें मिलाकर यह कोर्स इंट्रोड्यूस किया गया है। इसकी अवधि भी 4 साल की होगी।
जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
इस साल से यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के नाम से नया डिग्री कोर्स भी प्रारंभ किया गया है। इस बारे में डीन वेलफेयर प्रो. जेएन खुराना कहते हैं कि पत्रकारिता व जनसंचार के नाम से कई कोर्स यहां ऑफर किए जाते हैं। लेकिन कोर्स को कॉम्पैक्ट बनाते हुए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स प्रारंभ किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि स्टूडेंट्स एक ही कोर्स में जर्नलिज्म और मीडिया कोर्सेज की पढाई कर सकेंगे। इसके माध्यम से स्टूडेंट्स को पत्रकारिता व जनसंचार की बारीकियां एक ही कोर्स के माध्यम से सिखाई जाएंगी।
यूजी एडमिशन: कहां और कैसे करें अप्लाई?
अंडर-ग्रेजुएट कोर्सो के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन 5 जून से शुरू होगा। सभी एप्लीकेंट्स को कॉमन प्री-एडमिशन फॉर्म भरने हैं जो कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही रूपों में उपलब्ध हैं।
इन सेंटर्स से मिलेंगे एप्लीकेशन फॉर्म
नॉर्थ दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली
- मिरांडा हाउस, नॉर्थ कैंपस
- किरोडीमल कॉलेज, नॉर्थ कैंपस
- फैकल्टी ऑफ आर्ट्स, नॉर्थ कैंपस
- स्वामी श्रद्घानंद कॉलेज, अलीपुर
- जाकिर हुसैन कॉलेज, जवाहरलाल नेहरू मार्ग
साउथ दिल्ली
- डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर, साउथ कैंपस
- देशबंधु कॉलेज, कालकाजी
- एआरएसडी कॉलेज, धौलाकुआं
- गार्गी कॉलेज, सिरीफोर्ट रोड
- पीजीडीएवी कॉलेज, नेहरू नगर, रिंग रोड
- कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, शेख सराय
ईस्ट दिल्ली
- बीआर अंबेडकर कॉलेज, यमुना विहार
- श्यामलाल कॉलेज, शाहदरा
- विवेकानंद कॉलेज, विवेक विहार
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज, फेस- 1, मयूर विहार
वेस्ट दिल्ली
- राजधानी कॉलेज, राजा गार्डेन
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, पंजाबी बाग
- भगिनी निवेदिता कॉलेज, नजफगढ
डीयू की वेबसाइट से आप अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
ऐसा होगा एडमिशन का फॉर्मूला
कॉलेज से ही मिलेंगे फॉर्म
इस बार यूनिवर्सिटी पोस्ट ऑफिस के जरिए फॉर्म वितरण नहीं करेगी, बल्कि कॉलेजों को ही सेंटर बनाया गया है। फॉर्म 18 सेंटरों से मिलेंगे।
15 दिन का है वक्त
रजिस्ट्रेशन के लिए स्टूडेंट्स को 15 दिन का वक्त मिलेगा। 5 जून से रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस शुरूहोगा। www.du.ac.in पर क्लिक करके ऑनलाइन अप्लाई कर सक ते हैं। इस बार फॉर्म में कॉलेज की च्वाइस नहीं होगी। स्टूडेंट्स को कोर्स का ऑप्शन भरना होगा।
कितनी है सीटें
डीयू में ग्रेजुएशन की सीटों की संख्या 54,000 है। इस साल 1 लाख 75 हजार के करीब स्टूडेंट्स इसके लिए अप्लाई करेंगे।
जनरल कैटेगिरी की सीटें
जहां तक जनरल कैटेगिरी का सवाल है तो इस बार सीटों की संख्या तकरीबन 27270 होगी।
रजिस्ट्रेशन फीस
फॉर्म भरने की रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपये है।
एडमिशन टाइम लाइन
-रजिस्ट्रेशन सेंटर्स पर फॉर्म मिलने एवं जमा करने की डेट
5 से 19 जून समय सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक, रविवार छोडकर
- कॉलेजों द्वारा पहली कट-ऑफ लिस्ट
27 जून 2013
- फीस और एडमिशन
27 से 29 जून दोपहर 1 बजे तक - कॉलेजों द्वारा दूसरी कट-ऑफ लिस्ट
1 जुलाई
- फीस और एडमिशन
1 से 3 जुलाई दोपहर 1 बजे तक -कॉलेजों द्वारा तीसरी कट-ऑफ लिस्ट
4 जुलाई
-फीस और एडमिशन
4 से 6 जुलाई 1 बजे तक
-कॉलेजों द्वारा चौथी कट-ऑफ लिस्ट
8 जुलाई
-फीस और एडमिशन
8 से 10 जुलाई 1 बजे तक
-कॉलेजों द्वारा पांचवीं कट-ऑफ लिस्ट
11 जुलाई
-फीस का पेमेंट और एडमिशन
11 से 13 जुलाई 1 बजे तक
पीयूष द्विवेदी
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