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    सरेंडर के लिए हाथ उठाकर झोंक दी पुलिस पर गोलियां

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Mon, 10 Apr 2017 10:08 AM (IST)

    उग्रवादियों की फायरिंग में बानो थानेदार और आरक्षी शहीद हो गए। घटना झारखंड के सिमडेगा की है।

    सरेंडर के लिए हाथ उठाकर झोंक दी पुलिस पर गोलियां

    जागरण संवाददाता, सिमडेगा। पीएलएफआइ उग्रवादियों की फायरिंग में बानो थानेदार विद्यापति सिंह और आरक्षी तुराम बिरूली शनिवार की देर रात शहीद हो गए। सिमडेगा एसपी राजीव रंजन ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि बानो मुख्यालय से लगभग दस किमी दूरी पर स्थित बड़काटोली बिरसा महतो के घर में पीएलएफआई कमांडर गुज्जू गोप तथा अन्य बड़े उग्रवादी ठहरे हुए हैं।

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    यहां उनका भोजन आदि बनाया जा रहा है। जानकारी के बाद उन्होंने बानो, कोलेबिरा तथा महाबुआंग थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर छापामारी करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस ने उक्त घर की घेराबंदी की और उग्रवादियों को सरेंडर करने को कहा। उग्रवादियों ने हथियार गिराकर हाथ खड़े कर दिए, इसी क्रम में अचानक उग्रवादी हथियार उठाकर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इसमें विद्यापति और तुराम को गोली लग गई। तुराम ने घटनास्थल और विद्यापति ने अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन अंधेरा तथा जंगल का लाभ उठाकर उग्रवादी भाग गए।

    एक ग्रामीण और एक अन्य जवान घायल:

    घटना में एक अन्य पुलिस जवान लोरिक सिंह भी घायल है। लोरिक सिंह शहीद थाना प्रभारी विद्यापति सिंह का साला है। जिस घर में मुठभेड़ हुई, उसके मालिक बिरसा महतो को भी गोली लगी है। बिरसा की पत्नी भी भागने के क्रम में गिरकर घायल हो गई है। घटना के बाद पुलिस घर मालिक समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बानो थाना प्रभारी विद्यापति ¨सह गांव सिसकी कला, थाना पाटन जिला पलामू के रहनेवाले थे, जबकि तुराम बिरूली बरकुंडिया थाना मुफस्सिल चाईबासा के रहने वाले थे।

    उग्रवादियों का करेंगे समूल नाश:

    शहीदों को श्रद्धांजलि देने सिमडेगा पहुंचे डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि 2017 के शेष बचे नौ महीने झारखंड में पीएलएफआई उग्रवादियों के लिए आखिरी साबित होंगे। उग्रवादियों को समूल नाश करने का अभियान जोर-शोर से जारी रहेगा। पुलिस पर बानो में किए गए हमले से सरकार अथवा पुलिस के मनोबल पर कोई असर नही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नक्सली बौखलाहट में ऐसी कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों और उग्रवादियों को यह बात समझ लेनी चाहिए कि उनके पास अब एक ही रास्ता बच गया है। चाहे आत्मसमर्पण करें या गोली खाएं। इस दौरान गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि शहीदों के परिजनों के साथ राज्य सरकार की पूरी संवेदना है और हरसंभव उनका सहयोग किया जाएगा। गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि राज्य सरकार ने सिमडेगा जिले को नक्सलमुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। बानो के मुठभेड़ स्थल पर स्पेशल टीम कांबिंग करेगी।

    शहीद पुलिसकर्मियों को दस-दस लाख का मुआवजा

    राज्य ब्यूरो, रांचीमुख्यमंत्री रघुवर दास ने माओवादियों से मुठभेड़ में शहीद बानो के थाना प्रभारी विद्यापति सिंह व आरक्षी तुराम विरुली के आश्रित को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आदेश पर रविवार को सिमडेगा के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने आरक्षी उपाधीक्षक प्रदीप उरांव को चेक प्रदान किया। जिला प्रशासन ने जल्द से जल्द इसे आश्रितों को सौंपने का निर्देश दिया है। शहीद पुलिसकर्मियों के शेष सेवाकाल का पूरा वेतन भी उनके परिजनों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शहीद के बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च सरकार के द्वारा वहन करने का भी निर्देश दिया है। शहीद के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। इस दुख की घड़ी में सरकार उनके साथ है।

    शहीद सैनिकों के परिवारों को भी पांच-पांच लाख:

    जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए झारखंड के तीन बेटों पर राज्य सरकार पांच-पांच लाख रुपये देगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने विवेकाधीन कोटे से तीन-तीन लाख रुपये अतिरिक्त देने की घोषणा की है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने दो-दो लाख रुपया शहीद सैनिकों के परिजनों को देने की घोषणा की थी।
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