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    चांडिल में नाबालिग ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 22 Aug 2017 06:12 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, सरायकेला : चांडिल में एक नाबालिग ने बच्चे को सड़क पर जन्म दिया है। चांडिल ...और पढ़ें

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    चांडिल में नाबालिग ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

    जागरण संवाददाता, सरायकेला : चांडिल में एक नाबालिग ने बच्चे को सड़क पर जन्म दिया। चांडिल स्वास्थ्य से कुछ ही दूरी पर मंगलवार तड़के एक नाबालिग प्रसव पीड़ा से कराहती रही, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संवेदनहीन बने रहे। कुछ ही दूरी पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों को स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना दी। सूचना देने के बावजूद न चिकित्सक पहुंचे और न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी। हद तो तब हो गई जब अस्पताल से एंबुलेंस भी नहीं भेजी गई।

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    अंत में स्थानीय लोगों ने टेंपो की व्यवस्था कर प्रसूता को अस्पताल पहुंचाया। तबतक नाबालिग बच्चे को जन्म दे चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि जब वह सुबह चार बजे फूल तोड़ने घर से निकले तो देखा कि एक अज्ञात नाबालिग किशोरी सड़क पर ही बच्चे को जन्म देकर बेसुध पड़ी है। उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं लग रही थी। स्थानीय लोगों के साथ इसकी सूचना सीएचसी को दी गई। परंतु अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने नाबालिग को सहयोग नहीं किया।

    लड़की के बारे में बताया जा रहा है कि वह अविवाहित है। वह अपनी विधवा मां के साथ रहती थी। लेकिन जब उसकी मां को यह मालूम हुआ कि वह गर्भवती है, तो उसकी मां ने उसे घर से निकाल दिया। घटना चांडिल डैम रोड स्थित रानीसती मंदिर के निकट की है। मां द्वारा घर से निकाल दिए जाने के बाद वह उधर-उधर भटकती रहती थी। आज तड़के तीन बजे उसे प्रसव पीड़ा होने लगी, तो वह चांडिल स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। उस समय स्वास्थ्य केंद्र बंद था। लड़की बहुत चीखी-चिल्लाई और दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन केंद्र का दरवाजा किसी कर्मचारी ने नहीं खोला। सुबह छह बजे उसने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। घटना की जानकारी मिलने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो कोई डॉक्टर और न ही एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। घटना की सूचना मिलने पर सिविल सर्जन एपी सिन्हा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जब उनसे घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।

    थाना से नाबालिग को मिली मदद

    अस्पताल कर्मियों द्वारा ध्यान नहीं देने पर स्थानीय लोगों ने चांडिल थाने में जाकर पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिसकर्मियों और स्थानीय महिलाओं की मदद से प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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    केंद्र प्रभारी ने कहा, खोज रहे थे ड्राइवर

    वहां मौजूद प्रभारी डॉ. लखिंद्र हांसदा ने अस्पताल की गलती स्वीकारते हुए कहा कि उन्हें सुबह कुछ लोगों ने इसकी जानकारी दी थी, लेकिन जबतक एंबुलेंस के ड्राइवर को खोजा गया तबतक स्थानीय लोग टेंपो से प्रसूता को अस्पताल ले आए थे। उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। अभी तक इसके परिजनों से कोई संपर्क नहीं हुआ है। प्रसूता की स्थिति सामान्य होने पर ही कुछ कहा जा सकता है।