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    आजादी की हीरक जयंती 2022 तक नया भारत गढ़ेंगे: पीएम मोदी

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Fri, 07 Apr 2017 10:13 AM (IST)

    झारखंड के साहिबगंज में पीएम मोदी ने संकल्प जताया कि आजादी की हीरक जयंती यानी 2022 तक नया भारत आकार लेगा।

    आजादी की हीरक जयंती 2022 तक नया भारत गढ़ेंगे: पीएम मोदी

    भारतीय बसंत कुमार, साहिबगंज। गंगा तट पर संताल के विकास की नई गाथा लिखने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज के पुलिस मैदान से पांच वर्षो में नए भारत के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने संकल्प जताया कि आजादी की हीरक जयंती यानी 2022 तक नया भारत आकार लेगा। प्रधानमंत्री ने साहिबगंज-मनिहारी के बीच 2266 करोड़ की लागत से बनने वाले छह किलोमीटर लंबे फोरलेन के गंगापुल और 280 करोड़ की लागत से साहिबगंज में बनने वाले मल्टी मॉडल टर्मिनल की गुरुवार को आधारशिला रखी।

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    राज्य में पहली बार गठित पहाडि़या बटालियन के पुरुष-महिला जवानों को नियुक्ति पत्र सौंपने के अलावा नरेंद्र मोदी ने डिजिटल और कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए गठित सखी मंडल की एक लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की भी प्रतीकात्मक शुरुआत की। इस मौके पर सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी लोगों को संबोधित किया।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड-बिहार का पुल रास्ते को ही नहीं, दिलों को भी जोड़ेगा। जिन जगहों पर समुद्र किनारा नहीं है, उनका जमीनी संपर्क दुनिया से नहीं हो पाता, लेकिन जल परिवहन का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहे साहिबगंज के माध्यम से झारखंड का संपर्क देश के पूर्वोत्तर राज्यों तक ही सीमित न होकर पूरी दुनिया से होगा। बंगाल की खाड़ी के माध्यम से अब झारखंड विश्व से जुड़ जाएगा।

    सीएनजी और क्लीन फ्यूल से जहाजों का परिचालन:गडकरी

    नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि आज जिस पुल का शिलान्यास हो रहा है, वह पूर्वोत्तर भारत के लिए नया गेट होगा। झारखंड से गंगा के उस पार पूर्णिया जाने के लिए 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती थी। अब यह दूरी 78 किलोमीटर घट जाएगी। जलमार्ग का विकास पहले सपने जैसा दिखता था, लेकिन हल्दिया से इलाहाबाद तक 1607 किलोमीटर का जलमार्ग विकसित होगा। पहले चरण में बनारस से हल्दिया तक 1380 किलोमीटर के काम पर 5370 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इंडस्ट्रीयल हब बनाने के साथ ही साहिबगंज को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।

    साहिबगंज में रोड और रेल कनेक्टिविटी के साथ वाटर-वे विकसित हो जाने से झारखंड को ग्रोथ इंजन मिलेगा। पुल और वाटर टर्मिनल विकसित हो जाने से 50 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन का रास्ता खुल जाएगा। गंगा की निर्मलता बनाए रखने के लिए सीएनजी और क्लीन फ्यूल से जहाजों के परिचालन का उन्होंने भरोसा दिया। यह बताया कि हवाई जहाजों के परिचालन के तर्ज पर यहां रिवर इंफॉर्मेशन सिस्टम पर काम शुरू हो चुका है। यह 250 करोड़ की योजना है जो हल्दिया से फरक्का और फरक्का से पटना तक तत्काल काम करेगी। इन इलाकों में 40 छोटे टर्मिनल भी बनाए जाएंगे। राजमहल, समदा (झारखंड), माणिकचक (बंगाल), कहलगांव, हसनपुर, बख्तियारपुर, बक्सर (सब बिहार में) आदि जगहों पर रो-रो टर्मिनल क्रॉसिंग सर्विस की व्यवस्था बनाई जा रही है।

    पटना, कोलकाता, हल्दिया, मुंगेर में पानी पर फेरी सेवा के अलावा जल मार्ग से पर्यटन को विकसित किया जाएगा। साहिबगंज में जो वाटर टर्मिनल बनेगा वह अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। बार्ज लोडर्स, कन्वेयर बेल्ट सिस्टम के अलावा स्टॉकयार्ड और अत्याधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग भी बनाई जाएगी। झारखंड का सीधा जुड़ाव नेपाल से भी हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि झारखंड में रोड के तीन बंद प्रोजेक्ट के लिए उनके मंत्रालय ने राशि दी है, जिसमें जमशेदपुर-रांची की सड़क भी शामिल है। अकेले झारखंड में सात हजार करोड़ से ज्यादा राशि सड़कों पर खर्च की जाएगी। यहां राजमार्ग की लंबाई पहले विकसित सड़क की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। पांच साल में 600 करोड़ रुपये गंगा की गहराई बढ़ाने में खर्च होंगे।