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    राष्ट्रपति चुनाव: झारखंड में एकजुट रहा एनडीए, यूपीए ने भी दिखाई एका

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Tue, 18 Jul 2017 10:46 AM (IST)

    राष्ट्रपति चुनाव में सत्तापक्ष अपनी जीत के दावे के प्रति आश्वस्त दिखा, विपक्ष ने मीरा के प्रति भरोसा जताया।

    राष्ट्रपति चुनाव: झारखंड में एकजुट रहा एनडीए, यूपीए ने भी दिखाई एका

    राज्य ब्यूरो, रांची। देश के सबसे गरिमामय पद के लिए होने वाले चुनाव (राष्ट्रपति चुनाव) को लेकर झारखंड में भी जनप्रतिनिधियों का उत्साह देखते ही बना। झारखंड विधानसभा के सभी 81 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोट डाले। चुनाव में एनडीए और यूपीए विधायकों की एकजुटता देखने को मिली।

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    पर्याप्त सुरक्षा में तयशुदा समय 10 बजे चुनाव की प्रक्रिया पर्यवेक्षक विपिन मलिक, सह पर्यवेक्षक विनय कुमार सिंह और रंजीत कुमार की निगरानी में शुरू हुई। चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही एनडीए के चुनाव प्रतिनिधि (पोलिंग एजेंट) मंत्री सीपी सिंह ने सबसे पहले अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि दूसरा वोट विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने डाला। यूपीए से पहला वोट चुनाव प्रतिनिधि (पोलिंग एजेंट) के रूप में उपस्थित कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने डाला।

    वहीं, आखिरी वोट कांग्रेस विधायक निर्मला देवी का रहा। 10 बजे शुरू हुई मतदान की प्रक्रिया ने 10.30 बजे से जोर पकड़ा। पहले एनडीए विधायकों ने कतारबद्ध होकर अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। उसके बाद यूपीए विधायकों ने अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाले। सत्तापक्ष जहां अपनी जीत के दावे के प्रति आश्वस्त नजर आया, वहीं विपक्ष ने इसे हार-जीत से इतर विचारधारा की लड़ाई बताते हुए अपने प्रत्याशी मीरा कुमार के प्रति भरोसा जताया।

    जानिए, किसने क्या कहा

    राष्ट्रपति चुनाव में एक आम व्यक्ति प्रत्याशी के रूप में खड़ा हुआ है, यह लोकतंत्र के लिए गौरव की बात है। कोविंदजी राष्ट्रपति बनेंगे इसे लेकर हम 200 प्रतिशत तक आश्वस्त हैं।

    - रघुवर दास, मुख्यमंत्री, झारखंड

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    इस चुनाव में गिनती का आंकड़ा मायने नहीं रखता। मायने रखते हैं, विचार और सिद्धांत। यह विचारधारा का चुनाव है, बहुमत नहीं है तो क्या जुल्म सहेंगे।

    - हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष

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    एनडीए के पक्ष में पहली बार वोट नहीं कर रहीं हूं। राज्यसभा चुनाव में भी दिया था। राष्ट्रपति पद गरिमामय पद होता है, इसे महिला या पुरुष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

    -गीता कोड़ा, विधायक, जय भारत समानता पार्टी

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    37 विधायकों ने पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में डाले वोट

    राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड के लगभग पचास फीसद विधायकों ने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। झारखंड विधानसभा के कुल 81 विधायकों में से 37 ने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

    दोनों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बने पोलिंग एजेंट

    यह भी अजब संयोग था कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए और यूपीए ने अपने चुनाव प्रतिनिधि जिन्हें नियुक्तकिया था वे दोनों ही विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। एनडीए की ओर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह पोलिंग एजेंट बनाए गए थे जबकि यूपीए की ओर से आलमगीर आलम।

    मतपेटी हुई सील

    झारखंड विधानसभा परिसर में मतदान की प्रक्रिया 10 बजे से एक बजे तक चली। हालांकि मतपेटी तयशुदा समय पांच बजे ही सील की गई और इसे विधानसभा परिसर में ही बनाए गए वज्रगृह में रखा गया। वज्रग्रह से मतपेटी को सुबह निकालकर एयरइंडिया की फ्लाइट से दिल्ली ले जाया जाएगा। मतपेटी को लेकर पर्यवेक्षक विपिन मलिक सहायक निर्वाहन पदाधिकारी विनय कुमार सिंह और रंजीत कुमार दिल्ली जाएंगे।

    जेल से वोट डालने पहुंचे चार विधायक

    झारखंड में राष्ट्रपति चुनाव का यह शायद पहला मौका होगा जब चार विधायक प्रदीप यादव, संजीव सिंह, एनोस व निर्मला देवी जेल से सीधे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए विधानसभा परिसर पहुंचे। एनोस एक्का अस्वस्थ होने के बावजूद अपना वोट डालने पहुंचे। उन्हें व्हील चेयर पर लाया गया। जेल में बंद सभी विधायक कमजोर दिखाई दे रहे थे।

    तो एनडीए प्रत्याशी को मिलेंगे 61.73 फीसद वोट
    साफगोई से अपने-अपने खेमे में वोट डालने वाले विधायकों ने झारखंड विधानसभा से एनडीए और यूपीए प्रत्याशी की झोली में जाने वाले वोटों को तकरीबन स्पष्ट कर दिया है। चुनाव में झारखंड से एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 50 विधायकों का समर्थन मिला है।

    वहीं, यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को 31। यह आदर्श स्थिति क्रास वोटिंग न होने की स्थिति में बन रही है। राष्ट्रपति चुनाव में एडीए प्रत्याशी के पक्ष में भाजपा के 43, आजसू के चार व अन्य तीन छोटे दलों के विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

    झारखंड में एक विधायक के मतों का मूल्य 176 है। इस लिहाज से एनडीए प्रत्याशी को कुल 8800 मत मिलेंगे जो कि कुल मतों 14256 का 61.73 फीसद होता है। वहीं, यूपीए प्रत्याशी को 31 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं। इस हिसाब से मीरा कुमार को झारखंड विधानसभा से 5456 मत मिले, जो कि कुल पड़े वोटों का 38.27 फीसद है। 
     

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