नीतीश कुमार रांची में साधेंगे भाजपा पर निशाना
नीतीश कुमार अपने रांची दौरे के दौरान विपक्ष के हथियार को कितना धारदार बना पाएंगे, इस पर भाजपा की नजर होगी।

रांची, जेएनएन। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में सरकार गिराओ रैली को संबोधित करेंगे। आदिवासी जनसंगठनों ने भी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की कवायद को राजनीतिक हथियार बना रखा है।
नीतीश कुमार अपने दौरे के क्रम में विपक्ष के हथियार को कितना धारदार बना पाएंगे, इस पर भाजपा की नजर होगी। उनके भाषण का केंद्र बिंदु सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक ही होगा। रैली में करीब एक लाख से ज्यादा आदिवासी जुटने का अनुमान है।
सीएनटी पर सीएम की दो टूक से खलबली
एनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक पर विपक्ष के साथ-साथ अपने दल के भीतर भी प्रहार झेल रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक तीर से कई शिकार किए। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने विधेयक पर पुनर्विचार करने की अटकलों को विराम लगाया है। इस साल की शुरुआत में जमशेदपुर में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वे फैसले सोच-समझकर लेते हैं। विधेयक को वापस करने के वे पक्षधर नहीं हैं।
रविवार को गिरिडीह के मधुबन में पार्टी के प्रशिक्षण शिविर के दौरान भी उन्होंने यह दोहराया तो इसके राजनीतिक मायने हैं। रघुवर दास ने भाजपा के वैसे नेताओं को दो टूक संदेश दिया है कि जो सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक के पक्षधर नहीं हैं और इसका खुला विरोध कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को विपक्ष के सुर में सुर मिलाने वाला करार देकर भी उन्होंने अपना दांव खेला है। रघुवर दास के स्पष्ट बोल विपक्षी दलों को भी संदेश देने के लिए काफी हैं।
मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा में भी इसके मायने-मतलब निकाले जा रहे हैं। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय तमाम गतिविधियों को इसी इश्यू के इर्दगिर्द चल रही राजनीति का हिस्सा बताते हैं। उनके मुताबिक इस बड़े मसले को दबाने के लिए कई स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। उनका राजनीतिक आरोप भी गंभीर है कि सरकार की शह पर पुलिस नक्सलियों का महिमामंडन कर रही है। इसका इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए किया जा सकता है।

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