चमत्कारी झरना, जहां के पानी से होता है विभिन्न रोगों का इलाज
चाईबासा शहर से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित लुपुंगुटू गांव के एक छोटे से झरने के पानी से औषधियों की शक्ति होने का दावा किया जा रहा है।

चाईबासा(पश्चिम सिंहभूम),ब्रजेश मिश्र। प्रकृति अपने अंदर न जाने कितने रहस्यों को समेटे हुए है। विज्ञान की लगातार प्रगति के बावजूद कई अनसुलझे सवालों के उत्तर नहीं मिल सके हैं। कुछ ऐसे ही रहस्य की कहानी झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में स्थित एक झरने का पानी से जुड़ा हुआ है।
झरने के पानी को धरती पर अमृत समझकर लोग बोतलों में बंद कर ले जा रहे हैं। चाईबासा शहर से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित लुपुंगुटू गांव के एक छोटे से झरने के पानी से औषधियों की शक्ति होने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पेड़ों के बीच से निकलने वाले इस झरने के पानी से कई रोगों में फायदा होता है। इसमें डायबिटीज, चर्म रोग, पेट संबंधी कई बीमारियों के ठीक करने की ताकत बताई जाती है। दूर दराज से लोग इस पानी को लेने के लिए आते हैं।
दावा तो यह भी किया जाता है कि ठंड के मौसम में झरने का पानी अपने आप गर्म हो जाता है। झरने के पानी में दवा की शक्ति का पता लगाने के लिए अब कोल्हान विश्वविद्यालय की टीम जल की गुणवत्ता पर शोध करने जा रही है। यह भी पड़ताल होगी कि झरने के पानी का स्त्रोत कहां है? अब तक यह भी रहस्य बना हुआ है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति एवं रसायन शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने लुपुंगुटू पहुंचकर हकीकत की जमीनी पड़ताल की है। अब इस शोध कार्य में जूलॉजी एवं बॉटनी विभाग की सेवाएं लीजाएंगी। इसके अलावा एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी।
लोगों में पानी को लेकर गजब का विश्वासपहली बार लुपुंगुटू के पानी को लेकर प्रयोगशाला के स्तर पर प्रयोग की तैयारी है। परिणाम चाहें जो सामने आए लेकिन झरने के पानी में दवा की ताकत को लेकर लोगों में गजब का विश्वास है। पश्चिम सिंहभूम के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचने वाले लोग पानी को अपने साथ ले जाना नहीं भूलते। स्थानीय लोगों के लिए भी यह झरना किसी वरदान से कम नहीं। वह अपने दैनिक कार्य के साथ-साथ कई बीमारियों के इलाज के लिए इसके पानी पर निर्भर हैं।
हमने लुपुंगुटू का दौरा किया। हमें जानकारी मिली थी कि झरने के पानी में औषधियों की ताकत है। स्थानीय लोगों ने भी हमें बातचीत में यह जानकारी दी। विवि स्तर पर इस सच्चाई का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर शोध किया जाएगा।
- डॉ. रणजीत कुमार सिंह, प्रति कुलपति, कोल्हान विवि
दूर दराज से आने वाले लोग झरने के पानी को बोतल में बंद कर ले जाते हैं। लंबे समय से लोगों को विश्वास है कि इस पानी में डायबिटीज, चर्म रोग तथा पेट संबंधी कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है।
- आशा सुंडी, मुखिया, लुपुंगुटू, पश्चिम सिंह
भूमपानी में औषधीय शक्तिका पता लगाने के लिए विभिन्न रोगों के मरीजों पर इसका प्रयोग करना होगा। डायबिटीज, चर्म रोग तथा पेट संबंधी रोगों का इलाज करा रहे लोगों की दवाएं रोक कर सात से पंद्रह दिनों तक पानी के प्रभाव का अध्ययन करना होगा।
-डॉ. वीरेंद्र पांडेय,प्रभारी, सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालय, कुचारू, ओडिशा
यह भी पढ़ें: डॉक्टर की पत्नी को फेसबुक पर दोस्त बना 45 लाख रुपये ठगे
यह भी पढ़ें: बरातियों पर कहर बन कर टूटे दुल्हनवाले, एक की मौत; तीन दर्जन घायल

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।