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    चारा घोटालाः लालू यादव को सशरीर उपस्थिति से मिली छूट

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Fri, 14 Jul 2017 05:14 PM (IST)

    बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में सीबीआई के विशेष कोर्ट में उपस्थित हुए। ...और पढ़ें

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    चारा घोटालाः लालू यादव को सशरीर उपस्थिति से मिली छूट

    जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को आज सशरीर उपस्थिति से छूट मिल गई। लालू के अधिवक्ता ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के अदालत में पूर्व अनुमति याचिका दायर कर कहा कि शनिवार को कोई गवाह गवाही देने नहीं आ रहा है। ऐसे में उपस्थिति से छूट दी जाए। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए उपस्थिति से छूट दी।

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    अब लालू शनिवार को उपस्थित नहीं रहेंगे। हालांकि चार मामलों में सुनवाई की तिथि निर्धारित है। लालू ने देवघर कोषागार से निकासी के मामले में उपस्थिति से छूट मांगी थी।⁠⁠⁠⁠

    इससे पहले लालू सीबीआई के विशेष कोर्ट में उपस्थित हुए। चारा घोटाले के 4 मामलों चाईबासा कोषागार, दुमका, देवघर, डोरंडा कोषागर से अवैध निकासी से संबंधित में लालू ने हाजिरी लगाई।

    वहीं, दो मामले में लालू ने अपने बचाव में गवाही प्रस्तुत की। सबसे पहले लालू सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उपस्थित हुए।⁠⁠⁠⁠

    लालू ने सीबीआई के दो विशेष कोर्ट में अपने बचाव में दो मामले में दो गवाहों की गवाही दर्ज करवाई। देवघर कोषागार से करीब 90 लाख रुपये और चाईबासा कोषागार से करीब 37 करोड रुपये की अवैध निकासी के मामले में तत्कालिन ट्रेवल एजेंट व वर्तमान गो एयरवेज पटना के कर्मी गुंजन कुमार और पटना के तत्तकालीन मुखिया रामपनी सिंह ने लालू के बचाव में गवाही दी। गुंजन ने लालू के हवाई यात्रा के दौरान टिकट से जुड़े बातें कोर्ट को बताई। उन्होंने कहा कि लालू वीआईपी कोटे में यात्रा करते थे। प्रोटोकॉल ऑफिसर उनका टिकट ले जाते थे।

    एक प्रोटोकॉल ऑफिसर अशोक चौधरी का उन्होंने न्यायालय में नाम भी बताया, जो लालू के टिकट ले जाते थे। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने उनसे जीरा में पूछा कि लालू के टिकट पर दूसरे लोग भी यात्रा करते थे। इसके जवाब में गुंजन ने इन्कार किया। कहां कि यह संभव नहीं है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने यह भी प्रश्न किया कि लालू के परिवार के सदस्य कैसे यात्रा करते थे तो इसके बारे में उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कोर्ट को बताई।

    रामपनी सिंह ने अपनी गवाही में लालू प्रसाद के पटना स्थित आवास पर होने वाले आयोजनों और उसमें आम लोगों को भाग लेने से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लालू के पटना स्थित आवास पर छठ, इफ्तार, होली और मकर सक्रांति का त्यौहार मनाया जाता था। इसमें आम लोग भाग लेते थे। राम पनी सिंह खुद भी आयोजन में भाग लेते थे।

    सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने रामपनी सिंह से जिरह में पूछा कि आपके घर भी छठ, मकर सक्रांति और होली का त्यौहार मनाया जाता था, पूआ पकवान बनता था, तो उन्होंने कहा कि हां मेरे घर में भी यह सब आयोजन होते थे। लालू आपके घर कभी आए तो उन्होंने कहा कि कभी वैसा मौका नहीं मिला। लोक अभियोजक ने फिर उनसे पूछा कि लालू से इतनी घनिष्टता आपको कैसे हुई तो रामपनी सिंह ने जवाब दिया कि 1974 के आंदोलन में लालू उनके छात्र नेता थे। गवाही समाप्ति के बाद लालू कोर्ट से निकल गए। 

    विधायक अरूप चटर्जी और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने लालू यादव से मुलाकात की। तेजस्वी के इस्तीफे पर पूछे गए सवाल पर भड़के लालू ने मीडिया से कहा, आप जितवायें हैं , जो जितवाया वह समझेगा। रांची में उन्होंने मीडिया से दूरी बनाई। इसके बाद लालू पटना के लिए रवाना हो गए। 

    मुश्किल में लालू, चारा घोटाले ने बढ़ाई बेचैनीः

    जदयू और राजद के रिश्तों में बढ़ती तल्खी के बीच चारा घोटाले में लगातार सुनवाई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू यादव की बेचैनी बढ़ा दी है। गुरुवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में हाजिरी लगाने पहुंचे लालू प्रसाद के चेहरे से परेशानी साफ झलक रही थी। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पहले से ही डे टू डे सुनवाई चल रही है।

    शुक्रवार को भी दुमका, देवघर, चाईबासा और डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सुनवाई हुई।  गुरुवार को लालू से जुड़े चारा घोटाले के तीन मामलों की सुनवाई सीबीआइ के अलग-अलग तीन विशेष कोर्ट में हुई। देवघर कोषागार, चाईबासा कोषागार व डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में लालू उपस्थित हुए।

    उन्होंने दो मामलों में अपने बचाव में गवाही न्यायालय में दर्ज करवाई। उन्हें करीब ढाई घंटे तक विभिन्न कोर्ट में रहना पड़ा। वे सुबह 10:35 में कोर्ट पहुंचे थे, जबकि 1 बजे वहां से निकले। देवघर कोषागार से करीब 90 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में लालू प्रसाद के बचाव में बांका से राजद सांसद जय प्रकाश नारायण यादव व वर्तमान वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के तत्कालीन निजी सचिव मो. जैनुल ने गवाही दी।

    इसके अलावा चाईबासा कोषागार से करीब 37 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 68ए/96 की सुनवाई के दौरान लालू ने 43 गवाहों की सूची सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में सौंपी। इस मामले में भी मो. जैनुल ने गवाही दी।

    उन्होंने बिहार विधानसभा में सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न व दिए जाने वाले उत्तर की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। बताया कि बिहार विधानसभा में तीन तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं। अल्पसूचित, तारांकित व अतारांकित प्रश्न। प्रश्नों की स्क्रूटनी भी होती है। इसके अलावा विधानसभा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में अन्य जानकारी दी। जयप्रकाश नारायण यादव ने देवघर कोषागार मामले में गवाही दी।

    उन्होंने गर्वनर के संवैधानिक अधिकारों के बारे में बताया। कहा कि गर्वनर को काम करने व निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं होती। संविधान के अनुसार कार्य या निर्णय कैबिनेट की सलाह पर ले सकते हैं। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गवाह से कई सवाल किए।

    डोरंडा कोषागार मामले में लगाई हाजिरी:

    डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 मामले की सुनवाई में लालू प्रसाद ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में उपस्थित होकर हाजिरी लगाई।

    एपी दोरई सहित 43 गवाहों की सूची सौंपी:
    चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले में लालू ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में 43 गवाहों की सूची सौंपी।

    गवाहों की सूची में पटना के तत्कालीन एसएसपी व वर्तमान जेल आइजी सुनील कुमार, आरपीएफ के सेवानिवृत्त डीजी एपी दोरई, पटना गो एयरवेज के कर्मी गुंजन कुमार, पूर्व विधायक अन्नपूर्णा देवी, गोड्डा के तत्कालीन विधायक संजय प्रसाद यादव, निगरानी के सेवानिवृत्त डीजी डीपी ओझा, पटना सचिवालय के तत्कालीन थाना प्रभारी व फुलवारी शरीफ के वर्तमान डीएसपी कमाल हसन, आरए विश्वास, बांका सांसद जय प्रकाश नारायण यादव, पूर्व सांसद सीताराम यादव आदि के नाम शामिल हैं। 

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