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    चारा घोटालाः सीबीआइ कोर्ट में उपस्थित हुए लालू और जगन्नाथ

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Fri, 09 Jun 2017 04:12 PM (IST)

    चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा आज रांची में सीबीआई कोर्ट में उपस्थित हुए।

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    चारा घोटालाः सीबीआइ कोर्ट में उपस्थित हुए लालू और जगन्नाथ

    जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उपस्थित हुए। इसके बाद जगन्नाथ मिश्रा भी उपस्थित हुए। दोनों नेता देवघर कोषागार से 89 लाख 24 हजार 164 रुपये अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 के तहत दर्ज मामले में उपस्थित हुए हैं। 

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    चारा घोटाले के एक और मामले में आपूर्तिकर्ताओं को सशरीर उपस्थित होने का आदेश

    चारा घोटाले के एक और मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस एस प्रसाद की अदालत ने सभी आपूर्तिकर्ताओं को 16 जून को स शरीर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। यह मामला चाईबासा कोषागार से करीब 37 करोड रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है।

    मामले को लेकर सीबीआई कांड संख्या आरसी 68ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज है ।मामले में आपूर्तिकर्ता मोहम्मद सईद, सनाउल्ल हक, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद कश्यप, रवि सिन्हा सुनील कुमार सिन्हा सुनील गांधी विजय मलिक सहित अन्य आरोपी है।⁠⁠⁠⁠

    लालू ने डोरंडा कोषागार से जुडे चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 में भी लालू प्रसाद यादव सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में हाजिरी लगाई यह मामला डोरंडा को सागर से 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी से संबंधित है।⁠⁠⁠⁠

    सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक के अनुसार कोषागार से अवैध राशि की निकासी जून 1991 से अगस्त 1993 के बीच की गई थी। दोनों की उपस्थिति के लिए 30 मई 2017 को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने समन जारी किया था। अदालत उन्हें सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था। मामले में 34 आरोपी न्यायालय में ट्रायल फेस कर रहे हैं। 

    जानकारी के अनुसार, वर्ष 1996 में देश के सबसे बड़े घोटाले के तौर पर चारा घोटाला में गबन की बात सामने आई थी। अविभाजित बिहार के समय विभिन्न कोषागारों से राज्य के पशुपालन विभाग के लिए अवैध तरीके से 950 करोड़ निकाले गए थे। यह सिलसिला 1990 से शुरू होना बताया जाता है। पशुओं के लिए दवाएं, चारा और अन्य चीजें खरीदने के लिए नकली बिल और वाउचरों के माध्यम से राशि निकाला गया।

    घोटाले में पशुपालन विभाग के अधिकारी से लेकर आपूर्तिकर्ता, शीर्ष स्तर के नौकरशाह सहित राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल थे। चारा घोटाला का खुलासा सबसे पहले सीएजी ने अपनी सलाना ऑडिट रिपोर्ट में हुई थी। वर्ष 1992-93, 93-94, 94-95 और 1995-96 में बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा कोषागारों से ज्यादा रकम की निकासी की गई। सीएजी के इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश ही नहीं किया गया था। दिसंबर 1995 में जब ये रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई तब बड़े घोटाले का पर्दाफास हुआ था। 

    सुप्रीम कोर्ट के झटके से आना पड़ा सीबीआइ कोर्ट : 
    लालू प्रसाद यादव व जगन्नाथ मिश्रा को विशेषकर सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद सीबीआइ के विशेष कोर्ट में आना पड़ा। जगन्नाथ मिश्रा तो अन्य मामलों में भी पूर्व में सीबीआई के विशेष कोर्ट में उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 के तहत दर्ज मामले में ही उपस्थिति के लिए समन जारी है। 

    अदालत परिसर में तैनात हैं पुलिसकर्मी 
    रांची स्थित सीबीआइ के विशेष कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति को लेकर अदालत परिसर में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक पुलिसकर्मी दिख रहे हैं। मीडिया वालों को भी कोर्ट में जाने से रोक दिया गया था। 

    समर्थक, अधिवक्ता व आम लोगों की भीड़ 
    लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति के मद्देनजर राजद के कई नेता, कार्यकर्ता अदालत पहुंचे हैं। इसके अलावा लालू को देखने के लिए अदालत परिसर में अधिवक्ता व आमलोगों की भीड़ लगी है।