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    कौशल प्रशिक्षण रोजगार समस्या की चाबी : प्रणब

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 03 Apr 2017 06:32 AM (IST)

    भारत की सबसे मुख्य समस्या रोजगार की है। युवाओं के कौशल प्रशिक्षण से ही बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव है।

    कौशल प्रशिक्षण रोजगार समस्या की चाबी : प्रणब

    जागरण न्यूज नेटवर्क, रांची/देवघर। भारत की सबसे मुख्य समस्या रोजगार की है। यहां 50 फीसद से अधिक युवा हैं। इन युवाओं के कौशल प्रशिक्षण से ही बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव है और यही इस समस्या की चाबी है। ये बातें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को देवघर कॉलेज में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। इससे पूर्व रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने प्रस्तावित रविंद्र भवन और हज हाउस की आधारशिला रखी।

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     उन्होंने कहा कि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर भारत के नन आफिसियल अंबेसडर थे, जिन्होंने भारत की संस्कृति को विश्व फलक पर स्थापित किया। ओडिशा, बंगाल और बिहार कभी बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, झारखंड भी उसी का अंग है। इन राज्यों की संस्कृति भी कमोबेश एक जैसी है। भावुक होकर कहा, पश्चिम बंगाल से ताल्लुकात रखने के कारण मैं खुद को भी झारखंड का अंश मानता हूं।
    राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की पहली लड़ाई में सिदो-कान्हू, तिलका मांझी और बिरसा मुंडा जैसे झारखंड के वीरों ने साम्राज्यवादी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया था। लोगों को औपनिवेशिक दासता के खिलाफ जगाया था। आज हम आजाद हैं। अब हमलोगों पर जिम्मेदारी है कि हम अपनी जमीन व लोगों का विकास करें।
    इस मौके पर राष्ट्रपति ने देवघर समेत देश के 35 इलाकों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज में कौशल विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन, देवघर, गोड्डा और रांची में चालक प्रशिक्षण केंद्र, देवघर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, करौं में 100 बेड वाले ईएसआइ अस्पताल का ऑनलाइन शिलान्यास किया। उन्होंने देवघर और बासुकीनाथ के 44 किलोमीटर रास्ते में सौर ऊर्जा में आधारित 1653 एलईडी लाइट का भी उद्घाटन किया। इससे पहले राष्ट्रपति ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की।

     झारखंड चौतरफा विकास की राह पर :

     राष्ट्रपति ने कहा कि देश में औद्योगिकीकरण के बाद कुछ राज्य विकास के पैमाने पर आगे बढ़ गए तो कुछ पीछे रह गए। झारखंड खनिज संपदा में धनी है, यहां उर्वर मिट्टी है, पर्याप्त जल संसाधन के साथ औद्योगिक आधारभूत संरचना उपलब्ध है। मगर युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के बिना समग्र विकास संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार की मुख्य समस्या के समाधान को ध्यान में रखते हुए ही देशभर में कौशल प्रशिक्षण केंद्रों की शुरुआत की है। इन केंद्रों में युवाओं को सैद्धांतिक के साथ ही व्यवहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। इससे युवा पूरे विश्व में रोजगार के लिए योग्य होंगे। इससे न केवल उनकी आमदनी में वृद्धि होगी बल्कि इस क्षेत्र में कुशल एवं दक्ष कर्मियों की कमी भी दूर होगी। झारखंड अब चौतरफा विकास के रास्ते पर है।
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    संपूर्ण झारखंड को सौगात : राज्यपाल
    राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड के लिए आज गौरव का दिन है। राष्ट्रपति का यहां आगमन हुआ है, देवघर में उन्होंने जिन योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया है, वह देवघर ही नहीं संपूर्ण झारखंड के लिए सौगात है। राज्य के युवाओं के लिए रोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। समारोह को केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूढी, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दतात्रेय, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पीपी चौधरी, सांसद निशिकांत दुबे ने संबोधित किया।
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    तुष्टिकरण नहीं सबका विकास सरकार का लक्ष्य : मुख्यमंत्री
    रांची में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार सर्वधर्म समभाव तथा सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर चल रही है। सरकार किसी वर्ग विशेष का तुष्टिकरण नहीं, विकास चाहती है। झारखंड में बंगाली समुदाय के लोगों के लिए रविंद्र भवन और मुस्लिम भाइयों के लिए हज हाउस की परिकल्पना इसकी बानगी है। रविंद्र भवन के निर्माण पर 155.12 करोड़ तथा हज हाउस के निर्माण पर 55.12 करोड़ रुपये की लागत आएगी। दोनों भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। दोनों परियोजनाएं दो वर्षों के अंदर धरातल पर उतर आएंगी।

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