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    नगाड़े की थाप पर घुंघरू की छम-छम

    By Edited By:
    Updated: Sun, 04 Nov 2012 12:19 AM (IST)

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    रांची : डा.रामदयाल मुंडा कला भवन, होटवार के सभागार में पांच राज्यों के लोक वाद्य जब एक साथ बजे तो उसकी स्वर लहरियों ने सबको चमत्कृत कर दिया। मणिपुर से आए तोमा ने दो विशाल शंख एक साथ बजाकर इस तीन दिवसीय माटी के रंग की शुरुआत की। इसके बाद तो नगाड़ा, ढोल, एकतारा, श्रीखोल, झाल, करताल, शहनाई, खंजना, ड्रम, बांसुरी, मुरली की स्वर लिपियां माटी का रंग बिखेरने लगीं। इस फ्यूजन को तैयार किया था केरियोग्राफर कत्थक नर्तक विपुल नायक ने।

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    भारत सरकार, झारखंड सरकार के सहयोग से पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता की ओर से रजत जयंती के मौके पर इसका आयोजन किया गया है।

    कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग के मंत्री सुदेश महतो ने दीप जलाकर किया। इसके बाद ओड़िसा की टीम ने वंदना पेश किया। पं बंगाल की टीम ने कीर्तन गायन किया। मणिपुर का मार्शल आर्ट केंद्रित थांग-ता लोकनृत्य की तलवारबाजी ने सबको हतप्रभ कर दिया। मणिपुर के ही ढोल ढोलक चोलम की प्रस्तुति भी लाजवाब रही। इस नृत्य की प्रस्तुति योसांग पर्व के मौके पर की जाती है। यह नृत्य मूलत: ढोल पर आधारित है। ढोल के साथ इनका नृत्य, इनकी फुर्ती और शरीर का लय सबकुछ सधा हुआ। ओड़ीसा के गोटीपुआ नृत्य पांच से 12 साल के बच्चों ने पेश किया। लड़कियों के वेश में। शरीर किसी रबर की तरह। कहां से कब मुड़ कहना मुश्किल। इसके अलावा झारखंड के कलाकारों ने खरवार नृत्य व सरायकेला-खरसांवा से आए कलाकारों ने छऊ नृत्य की दो शैलियों को पेश किया। खरवार नृत्य में पुरुष जहां अपने हाथों से मांदर बजा रहे थे, उनकी कमर घुंघरा बजा रहा था। पैरों में भी बड़े-बड़े घुंघरू भी बंधे थे। तीनों के स्वर में एकरूपता थी। असम से आए कलाकारों ने जिकिर गीत पेश किया। कार्यक्रम पांच तक चलेगा।

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    परंपराओं को नजदीक लाने का प्रयास है : सुदेश महतो

    कार्यक्रम में दो घंटे लेट आने पर उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने क्षमा मांगी। इसके बाद कहा कि कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से दूसरे राज्यों की संस्कृति, परंपरा आदि समझने का मौका मिलता है। इस तरह के प्रयास होते रहना चाहिए। कहा, पूर्वोत्तर राज्यों से एक अपनापा है। विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा इस तरह के कार्यक्रमों के लिए राज्य हर संभव मदद करेगा। पूर्वी जोन के निदेशक अनूप कुमार मतिलाल ने कहा कि पूरे देश में यह कार्यक्रम चल रहा है। यह आयोजन रजत जयंती के मौके पर किया जा रहा है। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के उपनिदेशक विजय पासवान, मुंकुंद नायक, कुमार ब्रजेंद्र, अजय मलकानी, अनिल ठाकुर, विनोद रंजन सहित काफी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित थे।

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