दस लाख किसान फसल बीमा के दायरे मे
झारखंड सरकार नए स्वरूप के साथ लांच की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे मे राज्य के दस लाख किसानो को लाएगी।

रांची। झारखंड सरकार नए स्वरूप के साथ लांच की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे मे राज्य के दस लाख किसानो को लाएगी। सोमवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग और एग्रीकल्चर इंश्योरेस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित कार्यशाला मे पदाधिकारियो को कृषि बीमा के संबंध मे टास्क सौपे गए।
कृषि सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि गत वर्ष राज्य मे 5.36 लाख किसानो को कृषि बीमा के दायरे मे लाया गया था। इस बार इस लक्ष्य को बढ़ाकर दस लाख किया गया है। एसएलबीसी की हालिया बैठक मे बैको से कहा गया था कि वे फसल बीमा पर ध्यान दे। कृषि सचिव ने कहा कि नई बीमा पालिसी संभव है कि प्रीमियम के लिहाज से कुछ महंगी हो लेकिन इससे होने वाले फायदे पिछली पालिसी से कई गुना अधिक है। गढ़वा जिले का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि पिछली बीमा पालिसी के तहत फसल क्षति पर जहां आठ हजार प्रति एकड़ का प्रावधान था वह अब बढ़कर साठ हजार हो गया है। सचिव ने राष्ट्रीयकृत बैको, सहकारिता बैक के साथ-साथ पैक्स से कहा कि वे लक्ष्य प्राप्ति मे सहयोग करे।
सचिव ने कहा कि इस वर्ष झारखंड मे धान और मक्के की फसल को फसल बीमा मे शामिल किया गया है। निबंधक सहयोग समितियां मुकेश वर्मा ने कहा कि पदाधिकारियो और कर्मचारियो को किसानो से सीधे संपर्क मे रहना चाहिए। उन्होने जिला स्तर पर इस बाबत कमेटी गठित करने का सुझाव दिया। एग्रीकल्चर इंश्योरेस कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक एचसी पांडा ने बीमे से जुड़ी जानकारियां साझा की। उन्होने बताया कि बीमे की प्रीमियम राशि को दो फीसद मे समेटा गया है। यह बीमा फसल कटाई के बाद भी उपयोगी है। ओलावृष्टि व अन्य स्थानीय आपदा की स्थिति मे भी बीमा राशि का भुगतान किसानो को किया जाएगा। इस मौके पर कृषि एवं सहकारिता विभाग के कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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