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    अल सुबह हुआ शवों का पोस्टमार्टम

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    Updated: Sun, 01 Jan 2017 01:00 AM (IST)

    संवाद सूत्र, गोड्डा : राजमहल खदान हादसे में मारे गए शवों का पोस्टमार्टम शनिवार की अलसुबह किया गया। र ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, गोड्डा : राजमहल खदान हादसे में मारे गए शवों का पोस्टमार्टम शनिवार की अलसुबह किया गया। रात लगभग दो बजे 11 शवों को वाहन से सदर अस्पताल लाया गया। उपायुक्त के निर्देश पर रात में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल में पहुंच गयी। सामान्य परिस्थिति में सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम करने की अनुमति नहीं होती है लेकिन उपायुक्त के निर्देश के बाद अल सुबह पोस्टमार्टम किया गया।

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    रात 2:30 बजे पहुंचा शव : रात के लगभग 2:30 शव खदान से सदर अस्पताल पहुंचा लेकिन शाम चार बजे से ही चिकित्सकों की पूरी टीम शव के आने का इंतजार कर रही थी। इसकी देखरेख स्वयं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वनदेवी झा कर रही थी। सदर अस्पताल में असमाजिक तत्वों द्वारा हंगामा न हो इसका भी विशेष ख्याल रखा गया था। एक चार की पुलिस पार्टी रात से ही अस्पताल में तैनात थी। सदर अस्पताल के चारों तरफ बांस से बैरिके¨टग भी गयी थी। साथ ही मुख्य दरवाजे पर बैरियर लगा दिया गया था। वहां से विभाग से अन्य लोगों को आने पर मनाही थी।

    पोस्टमार्टम के लिए बना था दो बोर्ड : एसीएमओ डॉ. वनदेवी झा ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम के लिए दो बोर्ड उनकी अध्यक्षता में गठित की गयी थी। इसमें एक बोर्ड में डॉ. मंटू कुमार टेकरीवाल, डॉ. ताराशंकर झा और डॉ. अरविन्द कुमार शामिल थे। वहीं दूसरे बोर्ड में डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, डॉ. जुनैद आलम और डॉ. नाबेद अख्तर शामिल थे। 11 शवों का पोस्टमार्टम लगभग चार घंटे तक चला। सुबह सात बजे तक सभी शवों को लकड़ी के बक्से में बंद कर दिया गया।

    एंबुलेंस से ले जाया गया शव : पोस्टमार्टम के बाद सभी 11 शवों को एंबुलेंस से अपने-अपने घर भेजा गया। नियमों के अनुसार एंबुलेंस में शव ले जाने पर मनाही रहती है। एंबुलेंस से सिर्फ जीवित व्यक्ति को ले जाने का नियम है। शव ले जाने के लिए अन्य राज्यों में शव वाहन की व्यवस्था होती है। लेकिन विभाग के पास एक भी शव वाहन नहीं है। एंबुलेंस की संख्या भी गिनी चुनी है। इतने बड़े हादसे के बाद यहां पर एंबुलेंस से ही शव को ले जाना पड़ा। सिर्फ 11 शव ले जाने में ही जिले में एंबुलेंस का टोटा पड़ गया। एंबुलेंस मालिकों के अनुसार जिले में एंबुलेंस अब न के बराबर है। जो एंबुलेंस गए है यह अब दो दिन के बाद ही वापस आएंगे। ऐसे में अब खदान से निकलने वाले शव के पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस की कमी पड़ेगी जिसकी कोई मुक्कमल व्यवस्था नहीं की गयी है।