भाई को खोजने को भूखे-प्यासे लगातार हटा रहा मलवा
ललमटिया : राजमहल खदान में कार्यरत लल्लू खान की घटना के 48 से ज्यादा का बीत जाने के बाद भी कोई खबर नह ...और पढ़ें

ललमटिया : राजमहल खदान में कार्यरत लल्लू खान की घटना के 48 से ज्यादा का बीत जाने के बाद भी कोई खबर नहीं है। मध्यप्रदेश से पहुंचा उसका भाई मकबुल खान शनिवार से लगातार पेलोडर की स्टे¨रग थाम मलवा हटाने में जुटा है। मकबुल मध्यप्रदेश स्थित कोलफील्ड का कर्मी है। उसने बताया कि उसे घटना की सूचना शुक्रवार तड़के मिली। उसे यह जानकारी यहां रह रहे दो और भाई सद्दाम व हमीद राजा ने दी। दोनों महालक्ष्मी आउटसोर्सिग कंपनी में ही कार्यरत है। सूचना पाकर वह फौरन ललमटिया के लिए रवाना हो गया। शनिवार तड़के वह खदान क्षेत्र में पहुंचा। दोनों भाई रो-रहे थे। दोनों को सांत्वना देते हुए उसने स्वयं पेलोडर की स्टे¨रग थामी व अपने भाई को मलवे में खोजने लगा। देर शाम तक वह इस काम में लगातार लगा हुआ था। मकबुल ने रोते हुए बताया कि सुबह से मलवे में फंसे दो शव को बाहर निकाला। लेकिन, अपने भाई लल्लू खान का कुछ पता नहीं लगा पाया। आंसूओं को पोंछते हुए उसने कहा कि खनन के समय कोयला कहा है यह मशीन बता देती है, भाई कहा है यह कौन बताएगा..। उसने बताया कि वह जब यहां पहुंचा तो मलबा हटाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा था। एक पे लोडर खड़ी थी जिसे चलानेवाला कोई नहीं था। बस उसने स्टेय¨रग थाम थी। लल्लू खान पिछले कई वर्षों से अपने दो भाई सद्दाम व हमीद राजा के साथ महालक्ष्मी आउटर्सो¨सग कंपनी में काम करता था। लल्लू की ड्यूटी सेकेंड शिफ्ट में दोपहर दो बजे से रात्रि नौ बजे तक थी।

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