23 लोग ही साइट पर कर रहे थे काम
जागरण संवाददाता, गोड्डा : राजमहल परियोजना में दुर्घटनास्थल पर खनन का कार्य कर रही आउटसोर्सिग कंपनी म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोड्डा : राजमहल परियोजना में दुर्घटनास्थल पर खनन का कार्य कर रही आउटसोर्सिग कंपनी महालक्ष्मी का दावा है कि हादसे के वक्त मात्र 23 लोग ही साइट पर काम कर रहे थे। 16 कर्मियों का शव निकाल लिया गया है। सात और लोग मलबे में दबे हैं।
शनिवार को दूरभाष पर कंपनी के महाप्रबंधक जागेश वोरा ने बताया कि यह सच है कि वहां काम बंद कर दिया था लेकिन ईसीएल अधिकारियों के कहने पर दोबारा काम शुरू किया गया। हालांकि, उन्होंने अधिकारियों का नाम बताने से इन्कार कर दिया।
कहा कि दुर्घटना की आशंका को देखते हुए ही सबसे नीचे काम कर रहे कर्मी वहां से हट गए। नीचे से निकलने वाले कर्मी ऊपर के कर्मियों को सचेत करनेवाले ही थे, तभी दुर्घटना हो गई। अगर नीचे के कर्मी नहीं हटे होते तो मरनेवालों की संख्या काफी अधिक होती।
बताया कि कंपनी के रिकार्ड के अनुसार कुल 23 लोग वहां काम कर रहे थे। कंपनी का 12 डंपर, पांच मशीन एवं एक डोजर काम में लगा हुआ था। नौ डंपर, चार मशीन और एक डोजर के मलबे से निकाले जाने की सूचना है। कंपनी इस दुखद घड़ी में मजदूरों के परिजनों के साथ है। मृतकों के परिजनों को शीघ्र ही मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। जांच में प्रशासन का भी सहयोग किया जाएगा।

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