नीरज हत्याकांडः अमन बोला, पैसा नहीं मिला तो फिर चलेगी गोली
अमन सिंह ने कोर्ट में कहा कि सर मैं किसी संजीव-नीरज को नहीं जानता। मेरी जान को यहां खतरा है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। रविवार की रात के लगभग एक बजे। स्थान पीएमसीएच धनबाद। सादे लिबास में दो इंस्पेक्टर और दो आरक्षी शूटर अमन सिंह को लेकर पहुंचे। उसकी स्वास्थ्य जांच कराई जा रही थी। कुछ दवाइयां भी लिखी गईं। इमरजेंसी में बहुत ही हल्के माहौल में ये सब चल रहा था। तभी यह सूचना फैली कि यही तो शूटर अमन सिंह है, जिसने नीरज सिंह और उसके साथियों को गोली से छलनी किया था। इमरजेंसी में मौजूद सभी लोगों की निगाह सीधे उसकी तरफ चली गई।
इसी दौरान एक चिकित्सक ने हिम्मत करते हुए पूछा, आप किसी को कैसे गोली मार देते हैं। इस पर जवाब मिला कि डाक्टर साहब, एक लाख रुपये में एक गोली मारने का धंधा बुरा है क्या? जवाब सुनकर सन्नाटा छा गया। बात फिर वहीं पहुंची कि पचास लाख रुपये देने की बात तय हुई थी, आखिर अब तक कितने पैसे मिले। जवाब भी हाजिर था।
कहा, जिस पैसे के लिए जान जोखिम में डालकर धनबाद आकर गोली चलाई , यदि वह पैसा नहीं मिलेगा तो एक बार फिर गोली चलेगी। आखिर पैसे के लिए ही तो गोली चलाई थी। थोड़ी देर तक ऐसी बातचीत का दौर चला, इसके बाद दोनों इंस्पेक्टर उसे लेकर वापस सरायढेला थाने चले गए। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है।’
तीन अन्य शूटरों को नहीं पहचानता है अमन
पुलिस सूत्रों की मानें तो शूटर अमन से पूछताछ के लिए पुलिस को कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ी। वह बड़े आराम से सारी उन सारी बातों को कबूलता गया, जो उसने यूपी एसटीएफ के समक्ष कबूला था। वारदात में शामिल अन्य शूटरों के बारे में पुलिस ने उससे जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन अमन ने बताया कि वह तो उन लोगों से पहली बार मिला था।
इस कारण उन लोगों के बारे में वह नहीं जानता है। हालांकि पूछताछ में कुछ नई जानकारी भी मिली है, इसके आधार पर पुलिस अब आगे बढ़ रही है। एसएसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी।
सर, मैं किसी संजीव और नीरज को नहीं जानता
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े कुख्यात शूटर अमन सिंह को सरायढेला पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। सुबह सात बजकर चालीस मिनट पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अनुसंधानक निरंजन तिवारी अमन को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अदालत पहुंचे। जब उसे अदालत में पेश किया गया तो उसने कोर्ट से कहा कि सर मैं किसी संजीव-नीरज को नहीं जानता। मेरी जान को यहां खतरा है।
अदालत ने अमन से कहा कि उसे जो कहना है उसे लिखित रूप में कहे। करीब 10 मिनट तक चली सुनवाई के बाद अमन को मंडल कारा धनबाद के सिपुर्द कर दिया गया। पेशी के दौरान अमन के चेहरे पर तनिक भी चिंता-भय का भाव नहीं था। कोर्ट में भी उसकी शातिर निगाह चारों तरफ घूम रही थी। उसको देखने के लिए लोग उपस्थित थे।

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