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    अब फांकी नहीं मार पाएंगे कॉलेज शिक्षक

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    Updated: Fri, 16 Sep 2011 06:42 PM (IST)

    देवघर, जाका : सिदो-कान्हो विवि में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (यूएमएस) लागू किया जाएगा। इसके लिए विवि प्रशासन ने मुंबई की ग्लोडाइन टेक्नो सर्विस लिमिटेड कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। बिहार व झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने वाला सिदो-कान्हो पहला विवि होगा। यह व्यवस्था लागू हो जाने से कालेज शिक्षक व कर्मी फांकी नहीं मार सकेंगे। शिक्षक कक्षा से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे। कक्षाओं की रिकार्डिग होगी। जिसका लाभ छात्रों को मिलेगा। यह व्यवस्था विवि के सभी पीजी विभाग अंगीभूत संबद्ध कालेजों में लागू होगी। इस व्यवस्था के तहत विवि प्रशासन से अंतर इंटरलिंक किया जाएगा।

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    प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यवस्था लागू होने से पूरे कालेज व विवि के बारे में माउस की क्लिक पर सभी सूचनाएं उपलब्ध होगी। कंपनी कालेजों एवं विवि में छात्रों के नामांकन के समय ही उसका डाटाबेस तैयार कर लेगी। प्रवेश पत्र से लेकर प्रमाण पत्र तक कम्प्यूटर से जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों का चयन व परीक्षा के पूर्व प्रकाशन से लेकर उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए कंपनी द्वारा खास तौर से डिजाइन किए गए साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। गत बुधवार को विवि प्रशासन एवं क्लेडाइन, ग्लोडाइन टेक्नो सर्विस लिमिटेड कंपनी के बीच हस्ताक्षर किया गया।

    कंपनी के सीएमडी शांतनु रूंज ने इस व्यवस्था की जानकारी दी। इस व्यवस्था के तहत विवि मुख्यालय एवं अंगीभूत तथा संबद्ध कालेजों में केंद्र खोला जाएगा। इंटरनेट के साथ विडियोकांफ्रेंसिंग की व्यवस्था होगी। एकाउंट, परीक्षा, पुस्तकालय समेत सभी व्यवस्थाओं का डाटा तैयार होगा। सारा कार्य कम्प्यूटरीकृत सिस्टम के आधार पर होगा। विवि के लिए नया वेबसाइट तैयार किया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने से पठन-पाठन प्रशासन संबंधी व्यवस्था दुरुस्त होगी। गुरुवार को 15 सितंबर को हुई सीनेट की बैठक में च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम तथा यूएमएस को स्वीकृति दी गई है। इसकी पुष्टि करते हुए विवि निरीक्षक सह मीडिया प्रभारी डा. अखिलानंद पाठक ने बताया कि यूएमएस सिस्टम का करार कंपनी के साथ विवि प्रशासन ने कर लिया है। जिसे शीघ्र ही लागू कर दिया जाएगा। जबकि सीबीसीएस को सीनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। अब इसे सरकार के पास भेजा जा रहा है। कुलाधिपति की स्वीकृति के बाद इसे अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

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