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आदिवासी-मूलवासी विरोधी रघुवर सरकार

स्थानीय नीति के विरोध एवं अन्य समस्याओ को लेकर शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्वावधान मे विभिन्न प्रखंड मुख्यालय मे धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद ज्ञापन सौपकर अविलंब कार्रवाई की मांग की गई।

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 04:49 AM (IST)

देवघर : स्थानीय नीति के विरोध एवं अन्य समस्याओ को लेकर शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्वावधान मे विभिन्न प्रखंड मुख्यालय मे धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद ज्ञापन सौपकर अविलंब कार्रवाई की मांग की गई। मोहनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर मे आयोजित धरना मे 1932 के सर्वे खतियान को आधार मानकर स्थानीय नीति लागू करने, पेयजल संकट के समाधान, राशन कार्ड वितरण की जांच करने समेत अन्य मांगो को अविलंब पूरा करने की बात रखी गई। धरना का नेतृत्व प्रखंड अध्यक्ष महादेव मुर्मू ने किया। इस दौरान निर्मला भारती, मो. नौशाद, शीला सिंह, डॉ. विनोद मंडल, अरुण यादव, बदरुद्दीन अंसारी आदि उपस्थित थे।

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करौ प्रखंड परिसर मे प्रखंड अध्यक्ष कंगलू मरांडी की अध्यक्षता मे धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसके बाद राज्यपाल के नाम से संबोधित ज्ञापन बीडीओ को सौपा गया। कार्यकर्ताओ ने वर्तमान स्थानीय नीति की जमकर आलोचना की। धरना मे प्रभारी इमरान अंसारी, राजू सिंह, भागीरथ गोस्वामी, मिथिलेश सिंह, गुलाम अशरफ, मदन ओझा, जितेद्र यादव, इदरीश अंसारी, पूर्वा देवी, उमेश यादव आदि उपस्थित थे।

सारठ प्रखंड मुख्यालय मे पूर्व विस अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने वर्तमान सरकार की नीतियो की जमकर आलोचना की। साथ ही रघुवर सरकार को प्रदेश के मूलवासी और आदिवासियो का विरोधी करार दिया। प्रदर्शन मे प्रखंड अध्यक्ष बसंत सिंह, इश्तियाक मिर्जा, अब्बार शेख, मणी राय, समीरुद्दीन मिर्जा, मुरारी शाह, रामकिशोर मंडल, हरि हेम्ब्रम, अभिमन्यु राय, सहदेव मंडल आदि शामिल हुए। सारवां प्रखंड मुख्यालय मे प्रखंड अध्यक्ष विनोद वर्मा की अध्यक्षता मे धरना दिया गया। इसमे प्रखंड सचिव मुरली पोद्दार ने वर्तमान सरकार के कार्यो और स्थानीय नीति की आलोचना की। मौके पर संगठन सचिव दिलीप कुमार वर्मा, महासचिव संजय कुमार राय, श्रीकांत सिंह, रामदेव पंडित आदि उपस्थित थे।

माला पहनने के लिए मंत्री ट्रांसफार्मर ले गए देवघर : भोक्ता

फोटो 30 डीईओ 04

पालोजोरी मे आयोजित धरना-प्रदर्शन मे पूर्व विस अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि झामुमो की सरकार मे काफी बेहतर कार्य किए गए। नई सरकार मे नए नियम लागू हो रहे है। स्थानीय नीति लागू कर प्रदेश के बच्चो का अधिकार छीना जा रहा है। कृषि मंत्री रणधीर सिंह पालोजोरी मे रखे ट्रांसफार्मर को माला पहनने के लिए देवघर लेकर चले गए। यहां की जनता का ख्याल उन्हे नही आया। दैनिक जागरण अखबार की खबर का जिक्र करते हुए कहा कि मंत्री के सचिव ने मुख्यमंत्री से एक फाइल के पन्ने बदलने की शिकायत की है। खबर मे जिक्र है कि फाइल से मंत्री ने कुछ पन्ने गायब करवा दिए। कहा कि एक लड़ाई अलग झारखंड राज्य के लिए हुआ था, अब दूसरी लड़ाई वर्तमान सरकार के स्थानीय नीति के विरोध मे हो रही है। बताया कि सात मई को जिला स्तरीय धरना-प्रदर्शन होगा, जबकि 14 मई को अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की। मौके पर जिलाध्यक्ष नरसिंह मुर्मू, बलराम मंडल, देवेद्र मुर्मू, मोहन सोरेन, दाऊद आलम, फिरोज अंसारी, अब्दुल रहीम अंसारी, जयप्रकाश दास, सपन दास, अनवर खान, प्रदीप मंडल आदि उपस्थित थे।

वर्तमान स्थानीय नीति का जारी रहेगा विरोध

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झारखंड सरकार द्वारा लागू किए गए स्थानीय नीति के विरोध मे मधुपुर नगर व प्रखंड इकाई के झामुमो कार्यकर्ताओ ने अनुमंडल कार्यालय परिसर मे धरना-प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री सह पार्टी के केद्रीय उपाध्यक्ष हाजी हुसैन अंसारी के नेतृत्व मे आयोजित धरना-प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन एसडीओ रामवृक्ष महतो को सौपा गया। इसके पूर्व धरना को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास बाहरी है, और उन्हे झारखंड के मूलवासी के दर्द से कोई लेना-देना नही है। यही वजह है कि अवैधानिक व दोषपूर्ण स्थानीय नीति को केबिनेट मे पास कर लागू करने का काम किया, जिसका झामुमो जोरदार विरोध करती है। सरकार जब तक विसंगतिपूर्ण व काले नीति को संशोधित नही करती है, इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। रघुवर सरकार की स्थानीय नीति आदिवासी व मूलवासी के खिलाफ है। इस दौरान कार्यकर्ताओ ने राज्य व केद्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष सह जिप सदस्य दिनेश्वर किस्कू, प्रखंड सचिव साकिब अंसारी, जियाउल हक उर्फ टारजन, नगर अध्यक्ष जयप्रकाश मंडल, सचिव फैयाज अहमद, बदरुद्दीन अंसारी, अजय सिंह, मुखिया शमीम अंसारी, पूर्व मुखिया एकरामूल हक, दिलीप जयसवाल, वार्ड पार्षद अल्ताफ हुसैन, मुरारी पाण्डेय, मो. चिरागउद्दीन अंसारी आदि उपस्थित थे।

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मुख्य मांगे

- चितरा कोलियरी द्वारा खून मौजा के गोचर जमीन के अतिक्रमण की जांच

- तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्तियो मे स्थानीय लोगो को सौ प्रतिशत स्थान

- शिक्षक नियुक्ति मे गड़बड़ी की जांच

- राज्य की गिरती कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने

- भ्रष्ट अधिकारी और कर्मियो की सूची तैयार करके कार्रवाई

- पुनासी जलाशय योजना को शीघ्र शुरू करने

- योग्य व्यक्ति को इंदिरा आवास का लाभ देने


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