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    धारा 370 पर कश्मीर में सियासत तेज

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    Updated: Wed, 28 May 2014 01:01 AM (IST)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा धारा 370 को भंग करने की प्रक्रिया के शुरू होने का दावा किए जाने पर कश्मीर के विभिन्न सियासी संगठनों ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी प्रयास के वादी में सुधर रहे हालात पर नकारात्मक असर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रियों की गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी पर अंकुश लगाना चाहिए।

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    गौरतलब है कि कई ऊधमपुर-डोडा से चुनाव जीतने के बाद केंद्र में मंत्री बने भाजपा नेता डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और सांसद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों की बयानबाजी पर अंकुश लगाएं। वह उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए अनुशासन में रखें। डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान अत्यंत भड़काऊ है। इससे जम्मू कश्मीर के लोग खुद को असुरिक्षत महसूस करने लगे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि डॉ. जितेंद्र सिंह को पता होना चाहिए कि हमारा देश एक संविधान के तहत चलता है। यह किसी राजनीतिक दल विशेष के एजेंडे पर नहीं चलता है। धारा 370 अब भारतीय संविधान में स्थायी तौर पर स्थापित हो चुका है। इसे भंग नहीं किया जा सकता। इसके वाबजूद केंद्र व जम्मू-कश्मीर के रिश्तों को ध्यान में रखते हुए इस पर बहस का बयान देना भी अनुचित ही होगा। भाजपा नेतृत्व को चाहिए कि वह डॉ. सिंह को तथ्यों से अच्छी तरह से अवगत कराए।

    नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव डॉ. मुस्तफा कमाल ने कहा कि भाजपा ने अपने नापाक इरादे दिखाना शुरू कर दिए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों को पता होना चाहिए कि धारा 370 को भंग करना तो दूर इसकी बात करना भी कश्मीर में हालात बिगाड़ सकता है। धारा 370 ही जम्मू-कश्मीर को नई दिल्ली से जोड़ती है। इसे भंग करने का मतलब जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना है। हम धारा 370 को भंग करने की किसी को इजाजत नहीं देंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह को सियासत और जम्मू कश्मीर व केंद्रीय संविधान की समझ नहीं है। वह अपनी ऐसी बयानबाजी से सिर्फ अलगाववादी ताकतों को ही मजबूत करेंगे।

    पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन और पूर्व राजस्व मंत्री हकीम मुहम्मद यासीन ने कहा कि डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान अत्यंत गैर जिम्मेदाराना है। प्रधानमंत्री कार्यालय को बताना होगा कि यह डॉ. सिंह का निजी बयान है या फिर केंद्र सरकार का नीतिगत बयान। इस बयान के बाद से कश्मीर में जबरदस्त हलचल हो रही है। लोग पहले ही यहां नई दिल्ली के प्रति अविश्वास से देखते हैं, इससे कश्मीरी अवाम दिल्ली के करीब नहीं बल्कि उससे दूर ही जाएगा। हम किसी को भी धारा 370 से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दे सकते। ऐसा करने वाला कश्मीर और हिंदुस्तान का दुश्मन होगा। भाजपा नेता को पता होना चाहिए कि उनके इस बयान से कश्मीर में सुधर रहे हालात फिर से बिगड़ सकते हैं।

    ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री के इस बयान से तो कश्मीर मसला सुलझने की उम्मीद ही समाप्त होगी। वह कश्मीर मामले को और जटिल बनाना चाहते हैं। इससे लगता है कि केंद्र में आई नई सरकार का रवैया कश्मीर को लेकर किसी भी तरह से नहीं बदला है। इससे हालात बिगड़ सकते हैं।