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व्याख्यानमाला में श्रीवत्स के व्यक्तित्व पर डाली रोशनी

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू कश्मीर राष्ट्र भाषा प्रचार समिति जम्मू द्वारा प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स प्रथ

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Jul 2018 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 01 Jul 2018 07:42 PM (IST)
व्याख्यानमाला में श्रीवत्स के व्यक्तित्व पर डाली रोशनी

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू कश्मीर राष्ट्र भाषा प्रचार समिति जम्मू द्वारा प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स प्रथम स्मृति व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस मौके पर पद्मश्री प्रो. वेद कुमारी घई ने स्मृति व्याख्यान का पहला भाषण दिया। इसमें उन्होंने कश्मीर के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार औचित्य संप्रदाय के संस्थापक समीक्षक आचार्य क्षमेंद्र की औचित्य विचार चर्चा और कवि कंठाभरण पर आधारित अपना वक्तव्य दिया। उनका कहना था कि समीक्षा के क्षेत्र में संस्कृत के काव्य शास्त्रीय आचार्यो ने क्षमेंद्र को उचित स्थान नहीं दिया है। जबकि उन्होंने समीक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके भाषण के बाद चर्चा में प्रो. राम प्रताप, प्रो. प्रीतम चंद्र शास्त्री, प्रो. रीता जितेंद्र ने भाग लिया।

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जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अर¨वद्र ¨सह अमन ने अपने वक्तव्य में प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके परिवार से अनुरोध किया कि उनका अप्रकाशित साहित्य अकादमी को दिया जाए ताकि उसे प्रकाशित किया जा सके।

अध्यक्षीय भाषण मे राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के मानित कुलपति प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री ने प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स जी को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा उनके साथ व्यतीत क्षणों की स्मृति को साझा किया। उन्होंने संस्कृत साहित्य में औचित्य की विस्तारपूर्वक चर्चा की ताकि साहित्यकारों से अनुरोध किया कि समाज मे जो भी अव्यवस्था, अनुशासनहीनता आदि को लक्षित करके उसके सुधार के लिए अपने साहित्य का निर्माण करें। कार्यक्रम का संचालन करते हुए समिति के मंत्री, संचालक प्रो. भारत भूषण शर्मा ने प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और विविध भाषाओं में रचित उनके साहित्य की चर्चा की। निकट भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों को महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित करने का विचार व्यक्त किया। समिति के अध्यक्ष दीदार ¨सह ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया। स्व. प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स जी के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर पद्मश्री डा. जितेंद्र ऊधमपुरी, केके शाकिर, मंजू शर्मा, राजेश्वर ¨सह राजू, अचल शर्मा, सुकीर्ति शर्मा, मंगलदास डोगरा, रघुनंदन शर्मा आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। डॉ. अरुणा शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।


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