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    आरटीआइ दायरे में जेएंडके बैंक

    By Edited By: Updated: Wed, 25 Apr 2012 01:06 AM (IST)

    जम्मू, जागरण ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर बैंक भी अब सूचना अधिकार कानून के दायरे में आ गया है। जम्मू-कश्मीर राज्य सूचना आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसले में जेएंडके बैंक को पब्लिक अथारिटी घोषित करते हुए निर्देश दिया है कि बैंक सूचना अधिकार कानून 2009 के तहत सूचना उपलब्ध करवाए। यह आदेश सूचना आयोग की फुल बैंच ने सुनाया है, जिसमें मुख्य सूचना आयुक्तजीआर सौफी, सूचना आयुक्त प्रो. एसके शर्मा और नजीर अहमद शामिल थे।

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    आयोग ने बैंक के चेयरमैन को एक महीने के अंदर पब्लिक इंफारमेशन अधिकारी नियुक्तकर शिकायतों के निपटारे के लिए भेजने का निर्देश दिया है। सूचना आयोग ने कानूनी और तकनीकी पहलुओं पर विचार विमर्श के बाद जेएंडके बैंक को सूचना अधिकार कानून के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है। आयोग ने कई शिकायतों और आरटीआई आवेदनकर्ता की दूसरी अपील का निपटारा किया। बैंच के समक्ष करीब छह महीने तक इस पर विचार विमर्श होता रहा, जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा, एडवोकेट विलक्षण सिंह और अन्य लोग पेश हुए और प्रतिवादी जेएंडके बैंक की तरफ से एडवोकेट जफर शाह ने दलील दी। शाह ने विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के कुछ फैसलों का उल्लेख किया। बैंक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ एडवोकेट शाह ने आरटीआई अधिनियम 2009 की धारा 2 (एफ) का जिक्र करते हुए कहा कि बैंक को पब्लिक अथारिटी घोषित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि बैंक इस धारा के अधीन नहीं आता है। इसलिए इसे पब्लिक अथारिटी घोषित नहीं किया जा सकता। एडवोकेट विलक्षण सिंह ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेश का हवाला देने के साथ अधिनियम का प्रीएम्बल भी पढ़कर सुनाया। दोनों तरफ से दलीलें सुनने के बाद 23 फरवरी को आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा जो शिकायतकर्ता भी हैं, ने बैंक को पब्लिक अथारिटी घोषित करने के फैसले को पारदर्शिता की तरफ एक अहम कदम करार दिया। रमन ने बताया कि 13 जून 2011 को उन्होंने जेएंडके बैंक में सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदन किया था, जिसे बैंक ने नामंजूर कर दिया। रमन शर्मा ने मई 2009 से मई 2011 के बीच हुई नियुक्तियों की जानकारी मांगी थी। इसके अलावा बैंक से पचास लाख से अधिक ऋण चुकता न करने वालों और उनके गारंटी देने वालों के नामों की जानकारी भी मांगी थी। विलक्षण सिंह ने आयोग के फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने बैंक से वकीलों के पैनल की जानकारी मांगी थी।

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