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    उड़ी के बाद सेना पर सबसे बड़ा आतंकी हमला

    By Edited By:
    Updated: Wed, 30 Nov 2016 02:37 AM (IST)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू : उड़ी के बाद जम्मू के नगरोटा में मंगलवार को आतंकियों ने 16 कोर मुख्यालय के निकट

    राज्य ब्यूरो, जम्मू : उड़ी के बाद जम्मू के नगरोटा में मंगलवार को आतंकियों ने 16 कोर मुख्यालय के निकट सैन्य शिविर पर सबसे बड़ा फिदायीन हमला किया। इसमें सेना के दो मेजर और पांच सैनिकों समेत सात जांबाज शहीद हो गए। इस बीच, दूसरा हमला रामगढ़ की चमलियाल पोस्ट के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से आए आतंकियों ने किया। नगरोटा में सेना व रामगढ़ में बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई कर छह आतंकियों को मार गिराया। दोनों जगह तीन-तीन आतंकी मारे गए। रामगढ़ में मुठभेड़ समाप्त हो गई है, जबकि नगरोटा में ऑपरेशन जारी है। इन मुठभेड़ों में बीएसएफ के डीआइजी बीएस कसाना, छह सीमा प्रहरियों व तीन सैनिकों समेत दस सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए हैं। इस बीच, सैन्य शिविर के अंदर एक इमारत में आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए सैन्य परिवारों की दो महिलाओं व दो बच्चों को देर शाम छुड़ा लिया गया। इसकी पुष्टि सेना के पीआरओ डिफेंस कर्नल मनीष मेहता ने करते हुए कहा कि फिलहाल मुठभेड़ बंद है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है। नगरोटा में आतंकियों के खिलाफ अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है और उत्तरी कमान मुख्यालय से बुलाई गई स्पेशल फोर्स ने भी कमान संभाल ली है। वहीं शहीद सैन्य अधिकारियों की पहचान मेजर कुनाल व मेजर अक्षय के रूप में हुई है।

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    बताया जा रहा है कि आतंकी अल सुबह पुलिस की वर्दी में ऊधमपुर की ओर से एक कार में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सेना के सोलह कोर मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर बलीनी पुल के पास 166 मीडियम आर्टीलरी रेजीमेंट के बाहर पहुंचे। गेट पर संतरी पर गोलिया, ग्रेनेड दागते हुए वे आफिसर मेस काप्लेक्स तक पहुंच गए। पीआरओ डिफेंस ऊधमपुर एनएन जोशी ने बताया कि आतंकी दो इमारतों में घुस गए। इस दौरान एक सैन्य अधिकारी व तीन जवान शहीद हो गए। एक इमारत में जवान के परिवार थे। आतंकियों ने दो महिलाओं व दो बच्चों को बंधक बना दिया। इस दौरान बंधकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान एक और अधिकारी व दो जवान शहीद हो गए। शाम तक सेना ने बंधक बनाए सभी लोगों को छुड़ाते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया था। नगरोटा हमले में घायल सैनिकों की पहचान नायब सूबेदार प्रहलाद सिंह, कोशिक चौधरी के रूप में हुई है। उन्हें जम्मू के एमएच में भर्ती करवाया गया है।

    रामगढ़ में घुसपैठ : बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक अरूण कुमार ने बताया कि 28 व 29 नवंबर की रात साढ़े ग्यारह सीमा सुरक्षा बल ने रामगढ़ सेक्टर में तीन तत्वों की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। सीमा सुरक्षा बल के जवान हरकत में आए और पूरे क्षेत्र को घेर लिया। जब आतंकवादियों को पता चला कि वे चारों तरफ से घिर गए हैं तो उन्होंने सुरक्षा बलों पर फाय¨रग शुरू कर दी। आतंकवादियों ने ग्रेनेड भी फेंके। आतंकवादियों ने नजदीक ट्यूबवेल की हट में पनाह ले ली। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अभियान तेज किया और तीनों को ढेर कर दिया। इस दौरान बल के एक जवान को कलई पर गोली लगी। पाकिस्तान ने आतंकवादियों को कवर देने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान बीएसएफ के डीआइजी बीएस कसाना, राज्य पुलिस का सरबजीत सिंह, बीएसएफ के कांस्टेबल वैभव घायल हो गए। उन्हें एमएच 66 अस्तपाल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। उन्होंने कहा कि डीआइजी की हालत खतरे से बाहर है। वहीं सूत्रों ने दावा किया है कि मारे गए आतंकियों के शव जब कब्जे में लिए जा रहे थे तो एक आतंकी से बंधी आइईडी ब्लास्ट हो गई और अभियान का नेतृत्व कर रहे डीआइजी बीएस कसाना सहित नौ जवान घायल हो गए। घायलों की पहचान 62 बीएसएफ बटालियन के शाम लाल अहेवाल, बिवस बटियाल पुत्र प्रभात बटियाल, मुकेश चौधरी, ओम प्रकाश पुत्र स्व. हरि चंद्र, परस राम पुत्र गिरधारी लाल, केवी कुमार पुत्र कुंजरमन नैय्यर, सरबजीत सिंह पुत्र सरदार सिंह निवासी सेक्टर नंबर 12 नानक नगर, जम्मू के रूप में हुई है। घायलों में से चार को 166 मिलिट्री अस्पताल और दो को मेडिकल कॉलेज अस्पताल जम्मू में भर्ती करवाया गया है। एक को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

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