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    राज्य के हालात ठीक नहीं : महबूबा

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    Updated: Sat, 05 Mar 2016 02:05 AM (IST)

    जम्मू : पीडीपी की प्रधान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिवंगत मुफ्ती मुहम्मद सईद आखिरी समय तक काम करते रहे

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    जम्मू : पीडीपी की प्रधान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिवंगत मुफ्ती मुहम्मद सईद आखिरी समय तक काम करते रहे। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी थी। लेकिन वह सक्रिय रहे। मौजूदा समय में राज्य के हालात ठीक नहीं है। गांधीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि राज्य में हाल ही में पांपोर में दो नौजवान कमांडो शहीद हो गए। वीरवार को त्राल क्षेत्र में मुठभेड़ में कश्मीर का 18 वर्षीय युवक मारा गया। वह होनहार था। उसने 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इस काबिल बच्चे ने बंदूक को क्यों उठाया। मैं बाहर वालों की बात नहीं कर रही। ऐसा माहौल तैयार करने की जरूरत है ताकि नौजवान देश की ताकत बनें। हालात ठीक हों। मुफ्ती साहब के जाने के बाद राज्य में हालात ठीक नहीं हैं। लोग पिस रहे हैं। यह सवाल भाजपा या पीडीपी का नहीं है। यह मुद्दा केंद्र व राज्य का है। केंद्र सरकार यह पैगाम दे कि राज्य के लोगों के हितों के लिए काम होगा। इतना बढ़ा मुल्क है, इसके खजाने खाली नहीं होते। महबूबा ने कहा कि हमें राज्यवासियों की इज्जत प्यारी है। भाईचारा प्यारा है। उसके बाद पार्टी प्यारी है। अगर कभी लगा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के हितों, खाते में रंग भरने के लिए तैयार है तो ठीक है, मुख्यमंत्री बनने का काम भले का है। अगर लगा कि यह सब कुछ ठीक नहीं है। कुछ निकलने वाला नहीं है। हमारे किसी कार्यकर्ता का काम निकलेगा या विधायक मंत्री बन जाएंगे तो मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं। हालांकि जम्मू से हमारी बात नहीं बनी लेकिन मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू को भी एक ही नजर से देखा। उनको एहसास था जिस वक्त जम्मू के लोगों ने मुफ्ती पर भरोसा किया जब कश्मीर के लोगों ने नही किया। ऐसे नेता भी है जो पीठ पीछे कहते है गोली मार दो। भावुक होते हुए महबूबा ने कहा कि यह मुफ्ती का नजरिया था कि वह जम्मू कश्मीर को मुसीबत से निकालना चाहते थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि कल क्या होगा, मुझे नही मालूम लेकिन आप मुफ्ती के कार्यो को आगे ले जाना चाहते हैं तो एकजुट होकर काम करें। मुफ्ती ने रियासत को जोड़ कर रखा, अंतिम दिनों तक मुझ से यह पूछते रहे कि बाढ़ प्रभावितों में धनराशि बंटी या नही, कश्मीरी विस्थापितों के लिए आवासीय कालोनियों का काम कहा तक पहुंचा।

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