केबल कार बदलेगी जम्मू की तस्वीर
जागरण संवाददाता, जम्मू : करीब एक दशक पहले जम्मू की जनता को केबल कार (गंडोला) का जो सपना दिखाया गया थ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जम्मू : करीब एक दशक पहले जम्मू की जनता को केबल कार (गंडोला) का जो सपना दिखाया गया था वो अब साकार होने वाला है। इस सपने ने जमीनी स्तर पर आकार लेना शुरू कर दिया है और दो साल बाद स्थानीय लोगों के अलावा देश-विदेश के पर्यटक जम्मू में गंडोला सैर कर पाएंगे।
वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सैयद ने जम्मूवासियों को पीरखोह से महामाया व महामाया से बाहूफोर्ट (शाहबाद) तक केबल कार चलाने का हसीन सपना दिखाया। राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के 24 फरवरी 2014 को इसका नींव पत्थर रखने के बाद इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद बंध गई। सरकार ने कोलकाता की दामोदर रोप-वे एंड इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को टेंडर अलाट किया, जिसने अनंतनाग की फैच कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण का जिम्मा सौंपा है। केबल कार के केबिन तुर्की की कंपनी एसटीएम टेलीफेरिक से मंगवाए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीस महीनों का समय निर्धारित हुआ था।
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पर्यावरण मंजूरी आड़े आई
जम्मू : केबल कार प्रोजेक्ट में पर्यावरण मंजूरी सबसे बड़ी अड़चन बन कर सरकार के सामने आई। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी और आखिरकार दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 24 फरवरी 2014 को इसका नींव पत्थर रखा।
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-40 करोड़ की लागत से 1.6 किमी लंबी केबल कार प्रोजेक्ट में 3 टर्मिनल होंगे
-पहला टर्मिनल पीरखोह, दूसरा महामाया पार्क और तीसरा बाहुफोर्ट (शाहबाद) में होगा
-सैलानी बाहुफोर्ट या पीरखोह से गंडोले में बैठ कर बावे वाली माता, एतिहासिक पीरखोह गुफा, महामाया मंदिर सहित अन्य स्थलों का ले सकेंगे नजारा
-पीरखोह से महामाया पार्क तक केबल कार की लंबाई 1137 मीटर होगी
-महामाया पार्क से बाहुफोर्ट की लंबाई 453 मीटर होगी
-प्रत्येक केबिन में छह लोगों के बैठने की क्षमता होगी
-केबल कार से प्रति घंटा 600 लोगों को पहुंचाया जा सकेगा
-122 वाहनों को खड़ा करने की क्षमता वाला पार्किंग स्थल भी बनेगा

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