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    कैसे हुई हनीमून की शुरुआत?

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2016 12:15 PM (IST)

    विवाह के बाद नव दम्पति का हनीमून पर जाना शादी के रस्मोरिवाज का ही एक हिस्सा बन गया है, क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे और कब हुई इसकी शुरुआत?

    हनीमून किसी भी विवाहित जोड़े के जीवन के ऐसे यादगार मीठे पल होते हैं जिसे वह जीवनभर संजोकर रखता है। जीवन की चिंताओं से दूर किसी खूबसूरत पर्यटन स्थल पर जाकर एक दूजे में खो जाना ही है हनीमून।

    आजकल के न्यूलि मैरिड कपल का हनीमून पर जाना एक रस्म की तरह हो गया है। इसलिये शादी से पहले ही हनीमून की पूरी प्लानिंग कर ली जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है किइसकी शुरुआत कैसे और कब हुई, चलिये आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

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    वेडिंगनाइट.कॉम के अनुसार हनीमून, हनी का अर्थ होता है मधुर और मून का बदलते समय, एक पखवाड़े और प्रेम के प्रतीक से भी है। इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल 16वीं सदी में रिचर्ड ह्यूलोट ने किया था। जैसा कि इसका आधुनिक अर्थ है विवाह के तुरंत बाद का अवकाश का समय जो नव-दम्पति साथ में बिताते हैं।

    एक अनुमान के अनुसार लगभग 4000 वर्ष पूर्व बेबीलोन में विवाह के बाद दुल्हन का पिता दूल्हे को शहद से तैयार की गयी शराब देता है जिसका सेवन दूल्हा विवाह के बाद पूरे माह तक करता है। फिलहाल आपको बता दें कि 18वीं सदी तक यह शब्द बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं था। हालांकि इसके पीछे का एक तथ्य ये भी है कि यूरोपीय समाज ने इसे भारत से सीखा।

    अठारहवीं-उन्नीसवीं सदी में अंग्रेजों ने भारत में देखा कि विवाह के बाद लड़का और लड़की अपने सम्बन्धियों के घर जाकर मिलते हैं। इससे दोनों का परिचय अपने नए सम्बन्धियों से होता है। लेकिन इस परंपरा में पर्यटन का भाव नही था लेकिन यूरोपीय देशों ने इसे पर्यटन के रूप में बदल दिया।

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