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बनें बेहतर लाइफ पार्टनर

दांपत्य में खुशियां बरकरार रखना आसान नहीं होता। पर कुछ बातों का ख्याल करके आप साबित हो सकती हैं एक अच्छी जीवनसाथी...

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 11:16 AM (IST)

जिंदगी उतार-चढ़ावों से भरी होती है और दांपत्य की राह में चुनौतियां अनेक होती है। आपकी जिंदगी में कोई हलचल होती है या आपके पार्टनर की जिंदगी में कुछ घटित होता है, इसका असर सिर्फ आप पर या पार्टनर पर नहीं पड़ता, बल्कि उससे आप दोनों की जिंदगी प्रभावित होती है। यहां महत्वपूर्ण है कि ऐसी परिस्थितियों में आप किस तरह प्रतिक्रिया देती हैं? रिश्ते की सफलता सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका को आकार देना आपके अख्तियार में हैं।

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विनम्रता

दांपत्य की बेहतरी के लिए अपने अहं पर नियंत्रण रखना जरूरी है। विनम्रता से दांपत्य की बड़ी-बड़ी उलझनों को सहजता से सुलझाया जा सकता है।

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जीवनसाथी के आने से आपकी जिंदगी में खुशियों ने दस्तक दी है। यह आप दिल से महसूस करती हैं, पर इसका जीवनसाथी के सामने इजहार करना भी जरूरी है। ऐसा करने से जीवनसाथी को भी सकारात्मक ऊर्जा महसूस होगी। उसे लगेगा कि दांपत्य की सफलता व आपकी खुशियों का ख्याल रखना उनकी जिम्मेदारी है।

अपना ख्याल

सबसे पहले आपको स्वयं का ख्याल रखना होगा। ऐसा करने पर ही आप रिश्ते को अपना सौ फीसदी दे पाएंगी। इस क्रम में पर्याप्त नींद जरूरी है। अपर्याप्त नींद की वजह से हम न सिर्फ थकान महसूस करते हैं, बल्कि इसकी वजह से ग्लूकोज का लेवल भी कम होता है, जिसका सीधा असर हमारी आत्मनियंत्रण की क्षमता पर पड़ता है। रिश्ते की सफलता के लिए आत्मनियंत्रण का गुण महत्वपूर्ण है। जिन लोगों में आत्मनियंत्रण की क्षमता अधिक होती है, वे अपने साथी के साथ सकारात्मक तरीके से पेश आते हैं। पर्याप्त नींद लेने के साथ ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और ऐसे कार्र्यों पर फोकस करें, जिनसे आपको खुशी मिलती हो। तभी आप दूसरों को खुशियां बांट सकेंगी। साथी व परिवार का ख्याल रखने के लिए स्वयं सेहतमंद होना जरूरी है।

वक्त है एक्शन का

आपका नजरिया व व्यवहार दांपत्य में सकारात्मकऊर्जा भर सकता है। सकारात्मकता: जब साथी के साथ हों तो खुशी व आनंद का इजहार करें। समझदारी: साथी की बात सुनें व उसे समझने का प्रयास करें। अगर उनसे कोई भूल हो गयी हो तो माफ कर देना अच्छा होगा। किसी भी मामले में तत्काल निर्णय देने से बचें।

भावनात्मक सुरक्षा: साथ मिलकर सुखद भविष्य के सपने संजोने व उन्हें साकार करने की कोशिशों के क्रम में साथी को यह जताना जरूरी है कि आपकी जिंदगी में उनकी क्या अहमियत है।

शेयरिंग: अपनी भावनाओं को साझा करें व साथी को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। यहां रिश्ते से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं, यह जताना भी जरूरी है।

साझा जिम्मेदारियां: घर व परिवार की जिम्मेदारियां बराबर से साझा करें।

जुड़ाव दिल से: साथी के परिवार व करीबी दोस्तों को दिल से अपनाएं व कभी-कभी

उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताने की कोशिश करें।

दीप्ति शर्मा


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