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    जागरूकता का अभाव, भविष्य पर पड़ रहा प्रभाव

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 07 Mar 2017 01:00 AM (IST)

    संवाद सहयोगी, ऊना : प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षा केंद्रों में नकल रोकने के लिए सरकार ...और पढ़ें

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    जागरूकता का अभाव, भविष्य पर पड़ रहा प्रभाव

    संवाद सहयोगी, ऊना : प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षा केंद्रों में नकल रोकने के लिए सरकार की ओरे से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और वहीं उच्चाधिकारियों की ओर से विद्यार्थियों का केस बनाकर उनका भविष्य खराब कर रहा है लेकिन नकल रोकने के लिए सरकार व शिक्षा बोर्ड की ओर से विद्यालय स्तर पर कोई भी बड़े जागरूकता कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते। जिसमें विद्यार्थियों को बताया जा सके कि नकल करने से वह परीक्षा तो पास कर लेंगे लेकिन उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली से शिक्षक वर्ग भड़का हुआ है। शिक्षकों ने कहा कि वार्षिक परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए शिक्षा बोर्ड की ओर से सिर्फ सख्ती की जा रही है लेकिन शिक्षा बोर्ड के उच्च अधिकारियों की ओर से अभी तक एक भी कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को जागरूक नहीं किया गया है।

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    शिक्षकों ने कहा कि परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर व विद्यार्थियों के केस बनाकर नकल को रोका नहीं जा सकता क्योंकि विद्यार्थी जागरूकता की कमी के कारण नकल करने के लिए अन्य कई उपाय निकाल लेंगे। शिक्षकों के साथ अभद्र तरीके से भी पेश आ सकते हैं, अगर शिक्षा बोर्ड व सरकार विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को नकल के खिलाफ जागरूक करे तो नकल को रोका जा सकता है। विद्यार्थियों के केस बनाने से नकल को नहीं रोका जा सकता, पर इससे विद्यार्थियों का भविष्य जरूर खराब होगा।

    अगर सरकार व शिक्षा बोर्ड स्कूलों नकल रोकने के लिए विद्यार्थियों को जागरूक करे तो विद्यार्थियों पर दोगुना असर होगा। जागरूक विद्यार्थी खुद व खुद नकल का विरोध करेंगे। इसके बाद रकार को सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन विद्यार्थियों के केस बनने से केवल उनका भविष्य खराब होगा। स्कूलों में विद्याथिर्यों को नकल के दुष्प्रभावों के खिलाफ जागरूक किया जाए ताकि विद्यार्थी नकल के खिलाफ जागरूक हो सकें।

    विनोद बनयाल, अध्यक्ष, प्रदेश प्राध्यापक संघ।

    सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को नकल के प्रति जागरूक करने के लिए भाषण प्रतियोगिता, रैलियां आदि कार्यक्रम करवाए जाते हैं अगर स्कूलों में बड़े स्तर पर नकल रोकने के लिए कार्यक्रम आयोजित हो, जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थी हिस्सा ले सकें तो विद्यार्थियों में नकल के खिलाफ जागरूकता ज्यादा फैलेगी। लेकिन छोटे स्तर पर नकल करने के लिए वर्तमान में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

    -भूप ¨सह, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ऊना।