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    श्रीमद्भागवत गीता की शिक्षा का महत्व समझाया

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    Updated: Thu, 17 Sep 2015 09:52 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, ऊना : समूर कलां के शिवबाड़ी मंदिर में 20 साल से चली आ रही प्रथा पर वीरवार को गणपति महोत

    संवाद सहयोगी, ऊना : समूर कलां के शिवबाड़ी मंदिर में 20 साल से चली आ रही प्रथा पर वीरवार को गणपति महोत्सव पर ज्ञान यज्ञ शुरू हुआ। इसमें वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं मानव कल्याण संस्था के संस्थापक सत्यभूषण शास्त्री ने ज्ञानयज्ञ एवं सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला, जबकि कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र शर्मा ने किया। इस दौरान पंडित कृष्ण कुमार लद्दाखी ने आत्म कल्याण के लिए श्रीमद्भागवत गीता की शिक्षा का महत्व समझाते हुए कहा कि अर्जुन द्रव्यमय यज्ञ से ज्ञानयज्ञ अत्यंत श्रेष्ठ है, संपूर्ण कर्म और पदार्थ ज्ञान में समाप्त हो जाते हैं, क्योंकि ज्ञानयज्ञ में विवेक और विचार की मुख्यता है तथा द्रव्यमय यज्ञ में क्रिया और पदार्थ की मुख्यता है। पंडित कृष्ण कुमार लद्दाखी ने कहा कि सत्संग का प्रभाव मनुष्य में विवेक को प्रकट करके उसे बोध में बदल देता है।

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