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    बीबीएन में करोड़ों का व्यापार प्रभावित

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    Updated: Thu, 10 Nov 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, बीबीएन : थोड़ा समय दिया होता तो जरूर छुट्टे ले आता अब इन्हीं से काम चला लो, बस हर जग

    जागरण संवाददाता, बीबीएन : थोड़ा समय दिया होता तो जरूर छुट्टे ले आता अब इन्हीं से काम चला लो, बस हर जगह यही शब्द सुनाई दे रहे थे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। 500 व 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद जिलाभर में इसका असर देखने को मिला। बात चाहे सरकारी कार्यालय की हो या फिर किसी निजी व्यवसाय की। कर्मचारी कहीं बिना पैसे लिए ही लौटे तो कहीं पर व्यापार ही लटक गया। छुट्टे के चक्कर में बद्दी टोल बैरियर पर सैकड़ों वाहनों को बिना टोल के ही छोड़ना पड़ा। लोग यहा टोल बैरियर पर बैरियल संचालकों की मजबूरी का फायदा उठाते नजर आए। कार चालकों को जहा 30 रुपये देने थे, सीधा 500 का ही नोट निकालते नजर आए, अब यहा यह नोट या तो चल पड़ता या फिर उन्हे बिना टोल ही जाने दिया जाता। एशिया की सबसे बड़ी ट्रक ऑपरेटर यूनियन नालागढ़ के सैकड़ों ट्रक बुधवार को सड़कों पर रुके रहे। पेट्रोल पंप पर उनके नोट नहीं चल रहे थे। इस कारण उन्हें रुकना पड़ा। ऐसे में अन्य राज्यों में जाने वाला करोड़ों का माल नहीं निकल सका। बीबीएन से माल एक्सपोर्ट नहीं होने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है।

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    एचआरटीसी परिचालक ने कर दी हदें पार

    हिमाचल पथ परिवहन निगम ऊना डिपो की बस ने परिचालक ने सभी हदें पार कर दी। बस में एक सवारी ऊना से नालागढ़ के लिए चढ़ी। बस में परिचालक को कुलदीप चंद ऊना निवासी ने एक हजार रुपये टिकट के लिए दिया। परिचालक ने कहा छुट्ट दो, लेकिन उसने नहीं होना बताया। इस पर दोनों में तकरार हो गई। परिचालक ने बकाया वापस नहीं दिया तो कुलदीप ने छुट्टे नहीं दिए। ऐसे ही दोनों करीब 80 किलोमीटर का सफर तय करते हुए बद्दी पहुच गए और यहा आकर बस रोक कर एक-दूसरे को थाने चलने की धमकी व बात हाथापाई तक आ पहुची। बस बद्दी करीब आधा घटे तक रुकी और हाथापाई का सिलसिला चलता रहा, बस में बैठी करीब 20 सवारिया इस मंजर को देखती रहीं लेकिन वह बेबस होकर बैठे रहे। बात आरएम सुरेश धीमान भी मामले को सुलझा नहीं पाए। परिचालक की दादागिरी मुसाफिर को कई किलोमीटर दूर ले गई और शाम तक ऊना का कुलदीप चंद बसों में धक्के खाता फिरता रहा।

    पेट्रोल पंपों पर लगे रहे जाम

    मोदी के फैसले के बाद चिंता में आए लोग जब सुबह उठे तो सबसे पहले पेट्रोल पंपों की तरफ एक उम्मीद लेकर दौड़े। पेट्रोल पंपों पर जाकर अधिकतर लोगों को मायूसी हाथ लगी। पेट्रोल पंपों पर लोगों में संचालकों के साथ दिन भर बहसबाजी होती रही। संचालक सिर पर हाथ रखे बैठे नजर आए और पैट्रोल पम्प को बंद करने की ढींगे हागते नजर आए।

    बीज खरीदने आए किसान लौटे

    नालागढ़ में सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से किसानों का सबसिडी पर बीज खरीदने के लिए खुले पैसे ना होने के कारण कई किसानों को वापिस खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि पाच-सौ व हजार का नोट ना चलने से उन्हे फसल की बुआई के लिए बीज प्रयाप्त मात्रा खरीद नहीं पाए, जितने उनके पास छोटे नोट थे उतना ही बीज खरीद पाए।

    उद्योगों पर भी दिखा असर

    वहीं उद्योगों में भी पाच सौ व हजार का नोट बंद होने पर कुछ असर पड़ा है हालाकि उद्योगों का लेनदेन बैंकिगऑनलाइन से है। इडस्ट्रियल एसोसिएशन नालागढ़ के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि काले धन पर लगाम लगाने के सरकार के इस फैसले से लोगों को थोडी परेशानिया उठानी पडें़गी पर कुछ ही दिनों में माहोल पहले जैसा हो जाएगा। वहीं नालागढ़ ट्रक युनियन के प्रधान विद्या रतन ने बताया कि नालागढ़ ट्रक यूनियन की करीबन तीन-चार हजार गाडिया बाहरी राज्यों माल लेकर गई हुई है जिन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    व्यापारी दीपक वोहरा की जुबानी :

    मनीष टायर बद्दी के दीपक वोहरा ने कहा कि 40 वर्षो बाद देश इस समस्या से जूझ रहा है। यह फैसला सराहनीय है लेकिन सरकार को थोड़ा समय देना चाहिए था। इसकी तैयारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उनके दर्जनों ग्राहक आज उल्टे पाव वापस लौटे है।